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PM मोदी के लाख समझाने के बावजूद आखिर टस से मस क्यों नहीं हो रहे किसान ?

गोरखपुर। कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों के आंदोलन को बीस दिन से ज्यादा हो गए हैं। इस ठिठुरती ठंड में भी किसानों का विरोध प्रदर्शन सरकार के खिलाफ ठंडा पड़ता नहीं दिख रहा है। किसान संगठनों और सरकार के बीच अभी तक तीन कृषि कानून को लेकर हर बातचीत विफल रही है।

किसान और सरकार दोनों ही अपने रुख पर कायम है. सरकार का कहना है कि हम किसान संगठनों से चर्चा के लिए तैयार हैं मगर किसानो का साफ़ कहना है कि कृषि कानून को पूर्ण तरिके से सरकार खत्म करे तभी वो इस आंदोलन को खत्म करेंगे।

कल प्रधानमंत्री मोदी ने खुद टीवी के माध्यम से किसानों को समझाने का प्रयास किया और कहा कि किसान भाई अपना आंदोलन खत्म कर दें क्योंकि सरकार जो कृषि कानून लायी है वो किसानों के हित में है ना कि उनके खिलाफ।

पीएम मोदी ने सीधे सीधे विपक्षी दलों को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि विपक्ष के लोग किसान के कंधे पर बंदूक रख कर राजनीति करना बंद करें। उन्होंने कहा जो कृषि बिल है वो पूरी तरह से किसानों के हित के लिए बनाया गया है उनके बेहतर भविष्य के लिए बनाया गया है इसीलिए सभी किसान भाइयों से अनुरोध है कि वो इस आंदोलन को खत्म कर दें।

पीएम मोदी ने ‘ बेसिकली यह पॉइंट रेज किया कि फार्म्स बिल के बारे में तीन झूठ फैलाए जा रहे हैं। पहला झूठ फैलाया जा रहा है कि एमएसपी ख़त्म हो जाएगी। दूसरी बात उन्होंने बोली कि यह झूठ फैलाया जा रहा है कि मंडियां ख़त्म हो जाएंगी। तीसरा मेजर पॉइंट जो उन्होंने कहा, जो झूठ फैलाया जा रहा है कि फार्मर का खेत कॉरपोरेट टेकओवर कर लेंगे।’

वहीँ शाम में जब गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों से गोरखपुर लाइव ने बातचीत की तो किसानों ने पीएम मोदी की हर बात को नकार दिया। किसानों ने कहा हमें पीएम मोदी की किसी बात पर भरोसा नहीं क्योंकि वो झूठे हैं। किसानों ने कहा अगर पीएम मोदी वाकई किसानों के हित की सोचते तो वो टीवी पर नहीं बल्कि हमारे बीच आकर हमसे बातचीत करते।

किसानों ने कहा हम अपने फैसले पर अडिग हैं और जब तक सरकार ये तीनों कानून खत्म नहीं करती हम यहीं बॉर्डर पर डटे रहेंगे। किसानों ने ये भी चेताया कि आने वाले 26 जनवरी को वो पूरे दल बल के साथ दिल्ली के राजपथ पर परेड करेंगे।

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