गोरखपुर। आज दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय मे 40वां दीक्षांत समारोह मनाया गया। जिसमे राज्यपाल और यूनिवर्सिटी की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल, कुलपति प्रो. राजेश सिंह तथा मुख्य अतिथि प्रो. ए. के. श्रीवास्तव समिलित हुए। इस 40वें दीक्षांत समारोह में 45 प्रतिभाशाली छात्रों को स्वर्ण पदक प्रदान किया गया।
कार्यक्रम से पहले राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को एनसीसी द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। वही विश्वविद्यालय परिसर में महामहिम द्वारा वृक्षारोपण भी किया गया।
कार्यक्रम का आरंभ श्री भगवद गीता के श्लोक से हुआ। जिसके बाद राष्ट्र गीत वंदे मातरम् की ललित कला के छात्रों द्वारा प्रस्तुति दी गई।
कार्यक्रम के दौरान स्वागत में कुलपति द्वारा कुलाधिपति और मुख्य अतिथि को फल, उत्तरीय और पुस्तक भेंट की गई।
कुलाधिपति के द्वारा दीक्षांत समारोह के शुभारंभ की घोषणा के साथ समारोह का शुभारंभ हुआ।
कार्यक्रम के दौरान कुलपति ने कुलाधिपति के बारे में वर्णन करते हुए उन्होंने बताया इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार 2014 में भारत की श्रेष्ठ सबसे प्रभावशाली लोगों में सुनिश्चित किया था।
साथ ही टीबी ग्रसित रोगियों के पोषण के लिए तथा आगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के विकास के लिए उनके भीतर गहरी करुणा है। प्राइमरी स्कूल के बच्चों के प्रति उनके मन में गहरा भाव है जिसके परिणाम स्वरूप बच्चे दीक्षांत में शमिल हुए और कुलाधिपति द्वारा सम्मानित भी हुए।
जिसके बाद उन्होंने प्रो. ए. के. श्रीवास्तव जो की दीक्षांत भाषण देने आए थे उनके बारे में बताया कि वे अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक है ।
एग्रीकल्चर साइंटिस्ट रिक्वायरमेंट बोर्ड के चेयरपर्सन भी थे तथा मेंबर है। साथ ही 10 वर्ष तक नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट के वाइस चांसलर भी रहे है।
जिसके बाद वीसी ने विश्वविद्यालय की प्रगति की सूचना को साझा करते हुए बताया की मेरे लिए विश्वविद्यालय का अर्थ है की ग्लोबल और लोकल के बीच संवाद स्थापित करना।
उन्होने बताया की कार्यभार ग्रहण करने के साथ ही उन्होने पाठ्यक्रम को वैश्विक बनाने की ओर कार्य किया।
उदाहरण के लिए पूर्वांचल के विकास मैं किया गया कार्य। दीन दयाल उपाध्याय के लिए अंतरराष्ट्रीय सेमिनार नाथ संप्रदाय गोरखनाथ के लिए वैश्विक सेमिनार का आयोजन इस दिशा में पहला कदम है।
साथ ही उन्होने नई शिक्षा नीति नए शुरु हुए कॉर्सर्स और फेलोशिप को लेकर भी चर्चा की।
उसके बाद 40वें दीक्षांत समारोह में विभिन्न विभाग के छात्रों को कुलपति और कुलाधिपति द्वारा खुद को डिग्री के अनुसार प्रमाणित करने की प्रतिज्ञा दिलाई गई तथा स्वर्ण पदक प्रदान कर 45 छात्रों को सम्मानित किया गया।
प्रो. ए. के. श्रीवास्तव ने छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि किसी छात्र के जीवन का दीक्षांत समारोह बहुत ही अहम दिन होता है। यहीं से छात्र अपने आगामी करियर के लिए रोड मैप तैयार करेंगे।
उन्होंने बताया की हमारे देश में 65% की जनसंख्या 35 वर्ष से कम आयु की है। 1/3 जनसंख्या 16 से 35 वर्ष की आयु की है । इसलिए उद्देश्य 21वीं शताब्दी भारत की हो, भारत के युवाओं को इसपर ध्यान देना चहिए।
गोरखपुर क्षेत्र से जुड़ी जेनोटिक्स डिसीज पर भी बात की उसमें बताया कि कैसी हजारों बच्चे मर जाते है। हमको सावधान रहना होगा ऐसी बीमारियों से जो जानवरों से इंसानों में ट्रांसफर हो रही है।
उसके बाद कार्यक्रम में जीरो वेस्ट सेंटर का माननीय कुलाधिपति द्वारा लोकार्पण किया गया। और साथ ही पर्षदीय विद्यालय के बच्चो को माननीय कुलाधिपति द्वारा उपहार वितरण किया गया।
कुलाधिपति द्वारा दी गई स्पीच में उन्होने सबसे पहले मेडल धारकों को बधाई देते हुए बताया की इसमें 70% छात्राए है। साथ ही छात्रों की यूपी में कम हो रहे प्रतिशत पर चिंता जताई।
इसके बाद कुलाधिपति महोदय ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि गोल्ड मेडल मिला है इसे घर पर रख देना लेकिन किसी से गोल्ड मत मांगना। उनका सीधा आशय दहेज से था उन्होंने आगे कहा कि सब को शपथ लेना चाहिए कि दहेज से दूर रहेंगे।
उसके बाद अंत में राष्ट्रगान के साथ दीक्षांत समारोह का समापन हुआ।