इसी तरह का एक मामला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जंगल कौड़िया में प्रकाश में आया है जो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जंगल कौड़िया की आशा चन्द्रकान्ता सहित कई आशाओं का आरोप है कि काम करने के बाद भी आशाओं का मानदेय समय पर नहीं मिलता है।पल्स पोलियो अभियान,फाइलेरिया अभियान आदि की ड्यूटी करने के 6 महीने के बाद किसी तरह पैसा खाते में भेजा जाता है।आशाओं ने आरोप लगाया कि यहां पर तैनात बीसीपीएम अंजुम हक़ बारह माह के बढ़ोत्तरी का रुपया भेजने के नाम पर आशा संगिनियों के माध्यम से हर आशाओं से चार-चार सौ रुपये वसूला है।
आशाओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मामले में जाँच कर कार्यवाही की माँग किया है। बीसीपीएम अंजुम हक ने मानवता को शर्मशार करते हुए स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात एक आशा को अपने पैरों में गिरवाकर माफी मंगवाते हुए सेल्फी लिया है। यह सेल्फी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ मनीष चौरसिया ने इस मामले में कहा कि जिन आशाओं की कोविड 19 में ड्यूटी लगी है वे ड्यूटी न करने के कारण ये आरोप लगा रही हैं। बीसीपीएम के सेल्फी वाले मामले पर उन्होंने ने कहा कि यह गलत है जाँच कर कायवाही की जाएगी।