कुशीनगर। चमोली में हुए ग्लेशियर हादसे में लापता 50 में से 25 कामगारों के शव आठवें दिन रविवार को रेस्क्यू टीम ने बरामद किया। इसमें कुशीनगर जिले के खड्डा तहसील क्षेत्र के ग्राम बैरागीपट्टी के तीनपरसा का रहने वाले सूरज का भी शव शामिल है।
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सूरज का शव मिलने की सूचना मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया है। भाई उमेश व सहयोगी संतराज उत्तराखंड से सूरज का शव लेकर घर के लिए रवाना हो गये है।
खडडा ब्लाक के ग्राम बैरागीपट्टी के तीनपरसा निवासी श्रीनिवास के दो पुत्र सूरज व उमेश गांव के ही संतराज कुशवाहा के साथ लगभग आठ माह पूर्व उतराखंड के चमोली जिले के तपोवन के पास चल रही परियोजना में काम करने गये थे।
सूरज तपोवन में जेसीबी मशीन चलाता था जबकि उसका भाई उमेश संतराज पौडी जिले में कामगर है। 7 फरवरी को छुट्टी होने के बावजूद सूरज इंजीनियरों के बुलाने पर जेसीबी में कुछ काम कराने गया था। तभी चमोली के तपोवन में ग्लेशियर टूटने से जलजला आया।
जलजला समाप्त हुआ तो वहां बन रहे सुरंग में मलबा भर गया। जिससे सुरंग में काम कर रहे कई मजदूर लापता हो गये थे। इनमें सूरज भी था। रेस्क्यू टीम अगले ही दिन से वहां लापता लोगों की तलाश में जुटी थी।
घटना की सूचना मिलते ही उसका भाई उमेश मौके पर पहुंचा और रेस्क्यू टीम के साथ भाई की खोजबीन की लेकिन के बाद सूरज का कही पता नही चल सका। इधर सूरज के लापता होने की जानकारी मिलते ही परिवार के मायूस हो गये।
पिता श्रीनिवास व मां फूला देवी पुत्र सूरज का राह निहारते रहे कि सूरज घर जरूर लौटेगा लेकिन रविवार को उनके उम्मीदों पर तब पानी फिर गया जब उमेश ने रोते हुए उसका मिलने की सूचना दी।
उसने बताया कि रविवार को रेस्क्यू के दौरान टीम ने सुरंग से 25 कामगारों का शव बरामद किया।
इसमें सूरज का शव भी शामिल था। सूरज के शव की शिनाख्त वहां मौजूद उसके भाई उमेश व सहयोगी संतराज कुशवाहा ने की। शाम को सूरज का शव मिलने की खबर मिलते ही गांव में मातम छा गया। परिजनों के रोने चीखने से ग्रामीण भी सहम गए। मां फूला देवी अर्ध विक्षिप्त होकर पुत्र सूरज को पुकार रही हैं।