गोरखपुर। भले ही कोविड का टीकाकरण शुरू हो गया है लेकिन इसे पूरे समुदाय तक पहुंचने में अभी समय लगेगा। यह भी सही है कि कोविड के मामले कम हुए हैं लेकिन खतरा पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है।
इसलिए दवाई के साथ कड़ाई का व्यवहार जारी रखना है। दो गज दूरी, हाथों की स्वच्छता और मॉस्क का इस्तेमाल तो न केवल कोविड से बचाता है, बल्कि इंसेफेलाइटिस, टीबी, वायरल सहित कई बीमारियों से बचाव करता है। इसलिए इसे जीवन का हिस्सा बना लेना उचित है।
यह कहना है जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी केएन बरनवाल का। वह कोविड-19 टीके की दोनों डोज ले चुके हैं लेकिन फिर भी संपूर्ण सतर्कता पर जोर देते हैं। वह खुद कोविड समुचित व्यवहार अपना रहे हैं।
जिले में ढेर सारे स्वास्थ्यकर्मी जो कोरोना योद्धा की भूमिका निभा चुके हैं और कोविड टीके की दूसरी डोज भी ले चुके हैं, अभी भी सतर्क हैं और दूसरों से सतर्कता की अपील कर रहे हैं।
रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) में अहम भूमिका निभा चुके चिकित्सक डॉ. वीके सिंह और फार्माशिस्ट विमल वर्मा इन दिनों राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत रोजाना क्षेत्र में निकलते हैं।
दोनों लोग कोविड का टीका लगवा चुके हैं लेकिन फिर भी मॉस्क, हेडकैप और स्वच्छता व्यवहार नहीं भूलते। उनका कहना है कि यह सावधानी क्षेत्र में अन्य बीमारियों से भी बचाव करती है, इसलिए इसे अपनाने में कोई बुराई नहीं है।
वैसे भी टीके की दूसरी डोज लेने के 15 दिन बाद एंटीबॉडी विकसित होती है। अगर खुद की एंटीबॉडी विकसित भी हो जाए तो परिवार व समाज की सुरक्षा के लिए यह सतर्कता बहुत आवश्यक है।
चरगांवा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) पर तैनात बेसिक हेल्थ वर्कर ज्ञान प्रकाश भी मॉस्क लगाना नहीं भूलते हैं। ज्ञान प्रकाश ने कोविड काल में सर्विलांस से लेकर कांटैक्ट ट्रेसिंग तक के कार्य में अहम भूमिका निभायी है।
उनका कहना है कि जब तक कोरोना पूरी तरह से समाप्त नहीं हो जाता तब तक टीका लगने के बावजूद सतर्कता अपनाएंगे।
यह केवल खुद की सुरक्षा का मामला नहीं है, बल्कि समाज की सुरक्षा भी देखनी है। सभी लोगों को चाहिए कि वह कोरोना समुचित व्यवहार जारी रखें।
जारी रखनी होगी सतर्कता
कई राज्यों में कोविड का दौर फिर से शुरू हो गया है। यही वजह है कि प्रवासियों के प्रति विशेष तौर से सतर्कता बरती जा रही है। ऐसे में लोगों को और भी सतर्क रहने की आवश्यकता है। सभी लोग मॉस्क का इस्तेमाल करें। हाथों को धुलते रहें या सेनेटाइज करें और भीड़भाड़ में दूरी बना कर रखें।
-डॉ. सुधाकर पांडेय, मुख्य चिकित्सा अधिकारी