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गोरखपुर की सभी यूनिवर्सिटीज की होगी ब्रांडिंग, सीएम के शिक्षा सलाहकार ने दिए सुझाव

मुख्यमंत्री के शिक्षा सलाहकार प्रो डीपी सिंह की सम्मानित करते दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो राजेश सिंह तथा बाबा साहब भीमराव अंबेडकर विश्विद्यालय के कुलपति प्रो संजय सिंह

गोरखपुर।  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शिक्षा सलाहकार प्रोफेसर डीपी सिंह तीन दिन तक शहर में रह कर गोरखपुर को मल्टीडिसीप्लिनरी एजुकेशन का हब बनाने तथा नई शिक्षा नीति के कार्यान्वयन पर कुलपति महोदयों, शिक्षविदों, विषय विशेषज्ञों तथा छात्रों से चर्चा की।

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मुख्यमंत्री के शिक्षा सलाहकार प्रो डीपी सिंह की सम्मानित करते दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो राजेश सिंह तथा बाबा साहब भीमराव अंबेडकर विश्विद्यालय के कुलपति प्रो संजय सिंह

आज की चर्चा में भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो संजय सिंह, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो राजेश सिंह समेत शिक्षा जगत से जुड़े ख्यातिलब्ध विद्वानो ने सहभागिता की।

शिक्षा सलाहकार ने कहा कि गोरखपुर को शिक्षा के हब के रूप में विकसित करने तथा शैक्षणिक उन्नयन के लिए सभी साथ मिलकर प्रयास करें, परस्पर सहयोग करें, एक दूसरे की शैक्षिक सुविधाओं का उपयोग, फैकेल्टी एक्सचेंज तथा सम्मिलित रूप से संस्थाओं की ब्रांडिंग करें। उन्होंने कहा कि शासकीय और निजी संस्थाएं मिलकर पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप का अनुकरणीय मॉडल प्रस्तुत कर सकते हैं तथा मिलकर गोरखपुर को मल्टीडिसीप्लिनरी एजुकेशन का अब बना सकते हैं।

गोरखपुर: उभरता शैक्षिक नगर नाम से ब्रोशर तथा वीडियो डॉक्यूमेंट्री बने

गोरखपुर में अंतर्राष्ट्रीय एवं दूसरे प्रदेशों के विद्यार्थियों को आकर्षित करने के लिए कॉमन कॉल सेन्टर, कॉमन पोर्टल तथा कॉमन ब्रोशर बनाने पर जोर दिया। मदन मोहन मालवीय तकनीकी विश्विद्यालय को कॉमन पोर्टल तथा डीडीयू गोरखपुर विश्वविद्यालय को कॉमन ब्रोशर की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

गोरखपुर में स्थित सभी विश्वविद्यालयों तथा शिक्षण संस्थानों को डीडीयू गोरखपुर विश्वविद्यालय की तरह इंटरनेशनल स्टूडेंट्स अफेयर्स ऑफिस के गठन के लिए भी प्रो डीपी सिंह ने सलाह दी। प्रो सिंह ने बताया कि जब वे यूजीसी के चेयरमैन थे तब उनके कार्यकाल में करीब 178 विश्विद्यालयों में अंतर्राष्ट्रीय छात्रों की सुविधा के लिए इंटरनेशनल स्टूडेंट्स अफेयर्स ऑफिस गठित किया गया। मुख्यमंत्री के शिक्षा सलाहकार ने कहा कि गोरखपुर में स्थित सभी संस्थाओं को अपने संसाधनों का मिलकर उपयोग करने की आवश्कता है।

प्रो डीपी सिंह ने कहा कि शिक्षण संस्थानों की समाज के प्रति जिम्मेदारी है। सभी संस्थाओं को सामाजिक रूप से प्रासंगिक विषय पर शोध करने की आवश्यकता है। ऐसे शोध जो गोरखपुर और आसपास के क्षेत्रों के विकास में सहायक बने। इसके लिये उन्होंने शिक्षा जगत के नेतृत्वकर्ताओ का आह्वान किया।

यूजीसी के क्वालिटी मैंडेट पर जोर
प्रो डीपी सिंह ने सभी शिक्षण संस्थानों को यूजीसी के 11 सूत्रीय क्वालिटी मैंडेट को अपने पर जोर दिया। प्रो सिंह ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी की मंशा है कि गोरखपुर प्रदेश के बाकी शहरों के लिए रोल मॉडल बने। बहुविषयकता तथा समग्र शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सभी विश्वविद्यालय तथा संस्थान आपसी सहयोग करने हेतु एमओयू साइन करें। मल्टीडिसीप्लिनरी एजुकेशन के क्षेत्र में कार्य कर रहे विश्व के ख्यातिप्राप्त विशेषज्ञों को आमंत्रित करने पर जोर दिया जिसे इंटर-डिसीप्लिनरी अप्प्रोच को अपनाया जा सके।

छात्रों से किया संवाद
महाराणा प्रताप महाविद्यालय, जंगल धुसड में आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार में मुख्यमंत्री के शिक्षा सलाहकार ने नई शिक्षा नीति के प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा में कार्यान्वयन की परिचर्चा में उत्तर प्रदेश सरकार के प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों एवं विशेषज्ञों ने प्रतिभाग किया। प्रो डीपी सिंह ने समापन सत्र में छात्रों को भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक छात्र के अपने लक्ष्य होने चाहिए। तथा उन लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए उन्होंने सुझाव भी दिए।

सभी स्टेकहोल्डर्स शामिल होंगे अगली बैठक में

प्रो डीपी सिंह ने कहा कि गोरखपुर के शैक्षिक उन्नयन के लिए अगली बैठक में सभी स्टेकहोल्डर्स को आमंत्रित किया जाएगा। इसमें यूजीसी, एनसीटी, एआईसीटीई, आईसीएआर के साथ साथ राजभवन तथा उच्च शिक्षा विभाग की भी सहभागिता होगी।

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