गोरखपुर में कभी तिवारी और शाही की बोलती थी तूती अब लेडी डॉन ‘गीता तिवारी’ चर्चा में

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गोरखपुर। यूँ तो गोरखपुर दशकों से चर्चा का विषय बना रहा है कभी राजनीति की वजह से तो कभी धाकड़ गुंडई की वजह से। एक समय था जब गोरखपुर में खुलेआम तिवारी और शाही में वर्चस्व की लड़ाई थी। समय बीतता गया और एक नया नाम सामना आया और वो था श्री प्रकाश शुक्ला का, श्री प्रकाश इन सब से अलग था।

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उसका अपराध करने के तरिके से बड़े बड़े अपराधी भी खौफ खाते थे। उसके दबंगई का अंदाजा आप इसी से लगा सकते है कि उसने सीधे मुख्यमंत्री को मारने की सुपारी ले ली थी। जिसके बाद पहली बार किसी राज्य में स्पेशल टास्क फाॅर्स (एसटीएफ) का गठन किया गया था।

काफी मशक्कत के बाद पुलिस को कामयाबी हासिल हुई थी और आखिरकार 1998 में पुलिस ने उसका इनकाउंटर कर दिया। सूत्रों की मानें तो श्री प्रकाश की मौत पर खादी से लेकर खाकी तक वालों ने खुशियां मनाई थी। अब एक बार फिर गोरखपुर चर्चा में है, इस बार चर्चा का विषय बनी है गोरखपुर की लेडी डॉन ‘गीता तिवारी’।

गीता की शादी हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ता शिवकुमार तिवारी से तत्कालीन जिलाधिकारी ने कराई थी। तिवारी दंपती शहर के कोतवाली क्षेत्र में किराए का मकान लेकर रहते थे। इस दौरान उसकी एक बेटी भी हुई और परिवार पर जिम्मेदारी बढ़ गई। इसी बीच पति शिव कुमार ने स्मैक की तस्करी का काला धंधा शुरू कर दिया। इस दौरान उसे हिंदू युवा वाहिनी ने निष्काषित कर दिया।

पति की मौत के बाद अपराध जगत से नाता
चार साल पहले शिवकुमार की मौत हो गई। पति की मौत के बाद घर चलाने के लिए गीता चोरी और कई दूसरी आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने लगी। इसके साथ ही पति के काले कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए जिले के अपराधियों से उसने संपर्क बढ़ना शुरू किया।

उसके घर पर भी अपराधियों का आना-जाना लगा रहता था। आपराधिक मामलों में नाम आने के बाद पुलिस ने गीता के ऊपर गैंगस्टर ऐक्ट लगा दिया।