एक ही थाने पर कई सालों से जमे दरोगा और सिपाही, कब होगा ट्रांसफर?

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बस्ती। एक ही थानों पर कई सालों से जमे दरोगा और सिपाही दे रहे क्षेत्र में अवैध कारोबारियों, अपराधियों को बढ़ावा।लंबे समय से जमे दरोगा और सिपाही ही दे रहे विकास दूबे जैसे माफियाओं को जन्म प्रशासन साधे बैठा मौन। दरोगा एक ही हल्का और थाना क्षेत्र में रहने के लिए अधिकारियों और नेताओं से लगते हैं सिफारिशी जुगाड़।हरैया, दुबौलिया,कप्तानगंज,पैकोलिया, परशुरामपुर हो या कलवारी, पुरानी बस्ती,मुंडेरवा आदि थानों का हाल। अभी हाल ही में दर्जनों पुलिस कर्मियों को एसपी हेमराज मीणा ने किया था इधर से उधर फिर भी कई वहीं जमे।एसपी के आदेशों की उड़ा रहे धज्जियां ट्रांसफर होने के बाद भी नहीं छोड़ रहे थाना लगा रहे अकाओ से जुगाड़।कप्तानगंज राकेश कुमार सालों से जमे कोरोना काल में इनकी लापरवाही से प्रवासी की इलाज के अभाव में मौत।एक प्रधान से कप्तानगंज में दुर्व्यवहार किया था मामला उच्च अधिकारियों तक पहुंचा मगर हो रही लीपापोती।हरैया थाना में संजय यादव, करीब चार साल से जमे शिकायतों के बाद हल्का बदला जुगाड़ से फिर वही तैनात।हरैया में विनोद की रवानगी अमरेश का अभी तक नही जबकि अमरेश राय हर्रेया थाने पर चार साल से जमे।यह तो मात्र बानगी जिले में तैनात पुलिस कर्मियों की जांच की जाय तो तामाम अंगद की तरह पांव जमाए।

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रिपोर्ट-दिलीप पांडेय