एक लड़की के संघर्ष की कहानी पटना से गोरखपुर तक कैसे तय की अपनी मंजिल

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हर इंसान के जीवन में कुछ कहानी होती है और कहानी में जब तक संघर्ष ना हो तो उसे पढ़ने व सुनने में आनदं नही आता है। आज हम एक ऐसी लड़की के संघर्ष को प्रकाशित कर रहे हैं जो सिंगिंग के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना चाहती थी।

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यह कहानी है आकांक्षा पांडेय की जो अपने घर वालों के स्पोर्ट के बिना ही आज भोजपुरी जगत में अपना नाम बना ली हैं। उनके जज्बे ने उन्हें यह सफलता दिलाई।

पटना की रहने वाली आकांछा पांडेय 6 से 7 साल की उम्र में ही स्कूलों में गाना गाती थी लेकिन दिक्कत तब हुई जब वह थोड़ा बड़ी हुई और इसमें कैरियर बनाना चाहती थी ।आकांछा बताती है कि मम्मी का तो सपोर्ट था लेकिन उनका घर मे चलता नही था लेकिन उनके अंदर संघर्ष करने की जज्बा थी जो उनके मंजिल पाने से रोक नही पाई ।