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एक लड़की के संघर्ष की कहानी पटना से गोरखपुर तक कैसे तय की अपनी मंजिल

हर इंसान के जीवन में कुछ कहानी होती है और कहानी में जब तक संघर्ष ना हो तो उसे पढ़ने व सुनने में आनदं नही आता है। आज हम एक ऐसी लड़की के संघर्ष को प्रकाशित कर रहे हैं जो सिंगिंग के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना चाहती थी।

यह कहानी है आकांक्षा पांडेय की जो अपने घर वालों के स्पोर्ट के बिना ही आज भोजपुरी जगत में अपना नाम बना ली हैं। उनके जज्बे ने उन्हें यह सफलता दिलाई।

पटना की रहने वाली आकांछा पांडेय 6 से 7 साल की उम्र में ही स्कूलों में गाना गाती थी लेकिन दिक्कत तब हुई जब वह थोड़ा बड़ी हुई और इसमें कैरियर बनाना चाहती थी ।आकांछा बताती है कि मम्मी का तो सपोर्ट था लेकिन उनका घर मे चलता नही था लेकिन उनके अंदर संघर्ष करने की जज्बा थी जो उनके मंजिल पाने से रोक नही पाई ।

आज वह 200 से ऊपर स्टेज शो कर चुकी है लेकिन उनके अंदर कसक है कि घर वाले अगर साथ देते तो आज जो उनको मुकाम मिला है वह पहले ही मिल चुका होता है।आकांछा की शादी गोरखपुर में हुई है और वह आज परिवार के साथ साथ सिंगिंग में भी अपना भरपूर समय देती हैं।

आकांछा कहती है जो कठिनाई उनको हुई वह कठिनाई उनके बच्चों को ना उठाना पड़े इसलिए वह गांवो में शहरों में एक एकेडमी खोलने की तैयारी कर रही है ताकि इनको कोई दिक्कत ना हो।क्योकि उनको पता है कि गांव के लोग अपने बच्चों को बड़े शहरों में भेजने से संकोच करते है ।आकांछा की कहानी उन लोगो के लिए एक नजीर है जो सिंगिंग के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना चाहते है लेकिन घर वालो के कारण और अभाव में कुछ कर नही पाते ।

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