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मजदूरों को लेकर 6 ट्रेनी पहुंची गोरखपुर, किसी में संक्रमण के लक्षण नहीं

गोरखपुर। लॉकडाउन की वजह से दूसरे राज्यों में फंसे 7234 वर्कर्स और उनकी फैमली को लेकर क सुबह से लेकर रात आठ बजे तक छह ट्रेनें गोरखपुर पहुंची। ये 6 ट्रेने ट्रेनें अंकलेश्वर, पालमपुर, लिंगमपल्ली, जलंधर, बड़ौदा और भावनगर से गोरखपुर रेलवे स्टेशन आईं। जबकि दो ट्रेनें बस्ती और गोण्डा में टर्मिनेट हो गईं।

पहले स्क्रीनिंग फिर जलपान

सभी यात्रियों को स्टेशन पहुंचते ही सबसे पहले उनकी मेडिकल स्क्रीनिंग की गई। उसके बाद हल्का फुल्का नाश्ता देकर सभी का विवरण दर्ज किया गया। नाम पता दर्ज होने के बाद सबके स्मार्टफोन में अनिवार्य रूप आरोग्य सेतु एप डाउनलोड कराया गया। यह सब प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद सभी को बसों के माध्यम से उनके डेस्टिनेशन तक भेज दिया गया।

जीआरपी के जवान बांटते है चिप्स नमकीन और पानी की बोतलें

जीआरपी जवान एक-एक यात्रियों को सैनीटाइज कर रहे थे। दूसरी तरफ GRP की तरफ से खाने पीने की वस्तुओं पानी की बोतल की बांटी जा रही थी। आपको बता दें की रेलवे पूरी तैयारी के साथ यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने में लगा हुआ है। इसके लिए रेलवे के कर्मचारी दिन रात मेहनत कर रहे हैं।

इसके पहले वसई, भिवंडी, सूरत और नाडियाड से दो मिलाकर कुल पांच ट्रेनें आ चुकी हैं। गुरुवार को टे्रनों के आने के क्रम में गुरुवार को सुबह 7:20 बजे से लेकर रात साढ़े आठ बजे तक अलग-अलग प्रांतों से छह ट्रेनें आईं।

पहले से ही तैयार था प्रशासन

पहली ट्रेन सुबह अंकलेश्वर से आई तो आखिरी ट्रेन गुजरात के भावनगर से। ट्रेन के आने के घंटों पहले स्थानीय प्रशासन, रेल प्रशासन, स्वास्थ्य, आरपीएफ, जीआरपी और यूपी पुलिस के अधिकारी,कर्मचारी और जवानों ने तैयारी पूरी कर ली थी।

प्रशासन ने रेलवे स्टेशन के बाहर बसों की व्यवस्था की है। यात्रियों को एक-एक कर कोचों से निकाला जाता है। उसके बाद उन्हें प्लेटफार्म पर ही बने गोल निशान पर खड़े होना होता है। उसके बाद कई बैरिकेडिंग को पार करते हुए उन्हें बसों तक पहुंचाया जाता है। इस बीच सोशल डिस्टेंसिंग का खास ख्याल रखा जाता है।

बिना आरोग्य सेतु एप डाउनलोड किए नहीं जा सकते हैं

इस दौरान प्रत्येक यात्री की थर्मल स्क्रीनिंग की गई। नाम-पता नोट किया गया, जिनके पास एंड्राएड फोन थे उसमें आरोग्य सेतु डाउन लोड किया गया। हर मजदूर को एक-एक पैकेट चूड़ा-लायी उपलब्ध करायी गई।

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