गोरखपुर: गोरखपुर के सूर्यकुंड धाम पर सोमवार को हजारों लोगों ने दीपक जला कर दीपदान किया। पवित्र सूरजकुंड धाम के बारे में मान्यता है कि राज्यभ्रमण के दौरान वहां भगवान श्रीराम ने रात्रि विश्राम किया और अगले दिन सुबह सरोवर में स्नान कर भगवान सूर्य की उपासना कर दीपदान किया था।
इस मान्यता के आधार पर दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा और अन्नकूट पर्व पर हर वर्ष सूर्यकुंड सरोवर पर दीपोत्सव मनाया जाता है। संस्कार भारती की ओर से इस बार भी आयोजन किया है। दीपोत्सव कार्यक्रम का संस्कार भारती के रजत जयंती वर्ष है। इस कार्यक्रम में सीएम को शामिल होना था लेकिन वे शामिल नहीं हो सके। शहर के कलाकार सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी देंगे।
यह है सूर्यकुंड की कहानी
पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान श्रीराम ने राज्य भ्रमण के दौरान सूर्यकुंड में विश्राम किया था। अगले दिन सुबह उन्होंने सरोवर में स्नान कर एक पिंड बनाया और सूर्यदेव का आह्वान किया। सूर्यदेव प्रकट हुए तो श्रीराम ने उन्हें दीपदान किया। इसी वजह से इस सरोवरी का नाम सूर्यकुंड सरोवर हो गया। तभी से यहां हर वर्ष दीपावली के अगले दिन दीपोत्सव की परम्परा चली आ रही है।