गोरखपुर। मैं भी एक इंसान हूं और मेरी भी एक आस्था है। यह कहना है तेज़ तर्रार सीओ प्रवीण सिंह का। यह बयान उन्होंने पिछले दिनों गुरु गोरखनाथ मन्दिर में गुरु पूर्णिमा के दिन अपने गुरु और वर्तमान में प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ से दीक्षा लेते समय ली गई तस्वीर के मीडिया में वायरल होने के बाद कही।
सीओ प्रवीण सिंह ने कहा कि गुरु पूर्णिमा के दिन आदरणीय योगीजी मुख्यमंत्री के रूप में नही बल्कि महन्थ और गुरु के रूप में विद्यमान थे। अपने दायित्यों का निर्वहन करते हुए मैंने अपने संस्कारो के अनुसार गुरुपूर्णिमा के पावन दिन आशीर्वाद प्राप्त कर अपने धार्मिक दायित्व का निर्वहन किया है। इस पर बिना झिझक मुझे आत्मिय सन्तोष है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनके द्वारा किसी कार्यक्रम, दौरे, अथवा कार्यालय में जाकर ऐसा नही किया गया है ।
अपने बयान में उन्होंने कहा कि मैं अपने वर्दी और कर्तव्य के लिए सर्वदा निष्ठावान रहा हूं। इसलिए मेरे धार्मिक अधिकारों पर प्रश्न करके तूल देना फ़िज़ूल है।
बात सही भी है कि किसी भी व्यक्ति चाहे वो किसी भी पद पर क्यों न हो उसकी अपनी धार्मिक आस्थाएं और मान्यताएं होती हैं। सोचने वाली बात यह है कि मीडिया में तब कोई हंगामा क्यों नही होता जब भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के पद पर विराजमान व्यक्ति अपने गुरु के सामने आशीर्वाद के लिए नतमस्तक होता है।
बहरहाल गुरु पूर्णिमा जैसे धार्मिक आयोजन पूर्व में भी होते रहे हैं और आने वाले समय में भी होते रहेंगे और किसी को भी यह नही भूलना चाहिए कि योगी आदित्यनाथ प्रदेश के मुख्यमंत्री होने से पहले गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर हैं ।