जनसमस्याओं को लेकर अधिकारियों के द्वारा की जा रही हिला हवाली को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गोरखनाथ मंदिर परिसर में जनसुनवाई केंद्र स्थापित किया जा रहा है, जो न केवल फरियादियों की शिकायतों को संबंधित विभाग तक पहुंचाएगा बल्कि उसके निस्तारण की तक उसकी मॉनिटरिंग करेगा जब तक कि समस्या का समाधान नहीं हो जाता।
जनसुनवाई केंद्र का बाकायदा आफिसियल सेटअप बनाया गया है, जिसका प्रभार गोरखपुर के अपर नगर आयुक्त मोती लाल सिंह को सौंपा गया है। मोती लाल आगामी 30 जून को सरकारी सेवा से रिटायर होने वाले हैं। प्रभारी को फिलहाल पांच सहयोगी भी दिए गए हैं। केंद्र पर पहुंचने वाले फरियादियों की समस्या को यह केंद्र संबंधित अधिकारी तक पहुंचाएगा और फिर समय-समय पर उसके निस्तारण का अपडेट लेगा, जिससे फरियादियों को संतुष्ट किया जा सके। यह केंद्र सुबह 9:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक कार्य करेगा।
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मंदिर प्रबंधन के लोग करेंगे सहयोग
जनसुनवाई केंद्र के प्रभारी की मदद के लिए जिन पांच सहयोगियों को लगाया गया है, वह मंदिर प्रबंधन से जुड़े लोग हैं। इसके पीछे मुख्यमंत्री की मंशा प्रशासन की कार्यशैली पर व्यक्तिगत नजर रखने की है। सहयोगी के तौर पर मंदिर प्रबंधन के दिव्य कुमार सिंह, विनय कुमार गौतम और आनंद गुप्ता को तैनात किया गया है। इसके अलावा आशीष पांडेय और सहदेव साहनी को लेखक के तौर रखा गया है। यह लोग शिकायत पत्र बनाने में ऐसे लोगों की मदद करेंगे, जो या तो अशक्त होंगे या फिर अनपढ़।
आइजीआरएस पर शिकायत का भी इंतजाम किया जा रहा है। इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा जल्द ही केंद्र को जल्द कंप्यूटर और उसके आपरेटर उपलब्ध कराए जाएंगे। ब्रॉडबैंड समेत लैंड लाइन फोन की सुविधा भी इन कंप्यूटरों के साथ प्रशासन की ओर से दी जाएगी।
जनसुनवाई केंद्र में शिकायत का बाकायदा रिकार्ड रखा जाएगा। इसके लिए दो तरह के रजिस्टर बनाए गए हैं। सामान्य व अवगत रजिस्टर। आमतौर पर सामान्य रजिस्टर में ही शिकायतें दर्ज की जाएंगी लेकिन जो शिकायत मुख्यमंत्री को सीधे समस्या से अवगत कराने से जुड़ी होगी, उसे अवगत रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा। मुख्यमंत्री के निर्देश पर इन रजिस्टरों में एक फीडबैक का कॉलम में बनाया गया है, जिसकी मॉनिटरिंग खुद मुख्यमंत्री करेंगे