कैराना उपचुनाव में योगी एक्टिव जबकि अखिलेश इनएक्टिव…

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आयुष द्विवेदी

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गोरखपुर।

पिछले दिनों हुए गोरखपुर और फूलपुर में हुए लोकसभा उपचुनाव में करारी हार के बाद सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ कोई गलती नहीं करना चाहते और शायद तभी योगी पूरे तरीके से एक्टिव है और कैराना में 2 बड़ी रैलिया कर चुके है और शायद अभी आगे भी यह रैली जारी रहेगी।कैराना का उपचुनाव 2019 के आम चुनाव से पहले यह बीजेपी और संपूर्ण विपक्ष के लिए महत्वपूर्ण चुनाव है लेकिन इस चुनाव में सबसे ज्यादा अहम् कड़ी यह है कि विपक्ष के उम्मीदवार के लिए अभी तक कोई बड़ा नेता रैली नहीं किया है और वह इससे बच भी रहे है। इसीलिए मुख्यमंत्री योगी ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर चुटकी भी ली कि आखिर क्यों अखिलेश जी रैली करने से परहेज कर रहे है?राजनितिक विशेषज्ञों की माने तो विपक्ष इस चुनाव में कोई भी गलती नहीं करना चाहता क्योंकि मुजफ्फरनगर दंगा का दाग पिछली सरकार पर लगा था और वह इससे बच नहीं सकते और अगर अखिलेश वहा रैली करते है तो हो सकता है चुनाव का मुद्दा हिन्दू और मुसलमान हो जाए।अगर आकड़ो के हिसाब से देखा जाए तो यहा मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 40 प्रतिशत के आसपास है और चुनाव जीताने और हराने में इनका अहम् रोल है और इसमें अगर जाट वोटरो की संख्या जोड़ दे तो विपक्षी उम्मीदवार बीजेपी उम्मीदवार पर भारी है।इसीलिए सपा ने यहा से अपने कैंडिडेट को आरएलडी से चुनाव लड़ा दिया ताकी जाट मतदाताओं का भी वोट मिल सके।आपको बताते चले विपक्ष की ओर से प्रचार में जयंत और अजित सिंह को छोड़कर कोई बड़ा नेता रैली नहीं किया।सपा को मुस्लिम मतदाताओं पर पूरा यकीन है और इसीलिए जाटों को सहेज कर विपक्ष चुनाव जीतना चाहता है।लेकिन बीजेपी मुजफ्फरनगर दंगा और हिंदुओ के कैराना से पलायन को मुद्दा बनाकर विपक्ष को घेर रही है।अब देखने वाली बात होगी की चुनाव हिन्दू मुसलमान होकर रह जाता है या विपक्ष के जातिगत फैक्टर वैसे चुनाव विकास के मुद्दे पर होना चाहिए लेकिन कैराना में यह कोई मुद्दा ही नहीं है ।