लखनऊ।
आदित्यनाथ ने शासन के अफसरों द्वारा अपना बढ़ा डीए जारी कर लेने, लेकिन कर्मचारियों से जुड़ी फाइल लटकाने पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कर्मियों को बढ़े डीए के नकद भुगतान का निर्देश दिया है। सीएम ने वित्त विभाग के अफसरों को इस मामले में तलब कर नकद भुगतान करने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।चुनाव आचार संहिता के चलते आयोग की सहमति लेकर इस संबंध में आदेश जारी करने की तैयारी है। आयोग पूर्व में भी चुनाव के बीच वचनबद्घ देय से जुड़े प्रस्तावों पर सहमति देता रहा है। केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को तीन प्रतिशत बढ़ा डीए (9 से बढ़ाकर 12 प्रतिशत) जनवरी से देने का फैसला किया था। आचार संहिता की अटकलों के बीच शासन के अफसरों ने आईएएस, आईपीएस व आईएफएस अफसरों के डीए के नकद भुगतान का आदेश 6 मार्च को ही जारी कर दिया,लेकिन कर्मचारियों की फाइल दबाकर बैठ गए। राज्य सरकार भी अपने कर्मचारियों को केंद्र के समान व उसी समय से डीए देती आई है। मुख्यमंत्री योगी ने कर्मचारियों के डीए जारी न किए जाने का संज्ञान लिया और वित्त विभाग के अफसरों को तलब कर तत्काल डीए भुगतान के आदेश जारी करने के निर्देश दिए। इसके बाद साप्ताहिक छुट्टी के बावजूद वित्त विभाग खोला गया और कर्मचारियों को डीए भुगतान संबंधी प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री की सहमति ली गई। मुख्यमंत्री ने मार्च के साथ ही जनवरी व फरवरी के बढ़े डीए के नकद भुगतान के आदेश दे दिए हैं। वित्त विभाग ने अब यह प्रस्ताव मुख्य सचिव अनूपचंद्र पांडेय को भेज दिया है। पांडेय की अध्यक्षता में एक समिति गठित है जो देखती है कि संबंधित प्रस्ताव पर चुनाव आयोग की सहमति लेने की जरूरत है या नहीं है। मुख्य सचिव समिति के इस संबंध में रविवार को निर्णय लिए जाने की संभावना है।