Home उत्तर प्रदेश रवि किशन के लिए आसान नहीं गोरखपुर सीट की जंग जीतना..

रवि किशन के लिए आसान नहीं गोरखपुर सीट की जंग जीतना..

गोरखपुर।

गोरखपुर लोकसभा सीट के लिए 19 मई को मतदान डाले जाएंगे यानी सातवें चरण में वोटिंग होगी। सभी पार्टियां अपना दमखम लगाने में जुटी हुई हैं। क्या बीजेपी क्या कांग्रेस और क्या गठबंधन..

गोरखपुर सीट से बीजेपी की तरफ से रवि किशन मैदान में हैं तो गठबंधन से रामभुआल निषाद वहीं कांग्रेस ने मधुसूदन त्रिपाठी को टिकट दिया है। बीजेपी का गढ़ कहा जाने वाला गोरखपुर सीट अब बीजेपी के हाथों खसकता नजर आ रहा है।

जहां 2018 के उपचुनाव में गठबंधन के प्रत्याशी जो अब बीजेपी का दामन थाम चुके है यानी प्रवीण निषाद ने उस समय बीजेपी के उम्मीदवार उपेंद्र शुक्ला को शिकस्त दी थी। अब जबकि आम चुनाव सामने है तो बीजेपी ने तमाम कार्यकर्ताओं को दरकिनार करते हुए गोरखपुर सीट से रवि किशन को टिकट थमा दिया जिसके बाद माना जा रहा है कि स्थानी कार्यकर्ताओं में बीजेपी प्रत्याशी को लेकर काफी रोष है इसका सीधा फायदा गठबंधन के प्रत्याशी रामभुआल को मिलता भी दिख रहा है।

रवि किशन के साथ भले ही सड़को पर लोगों की भीड़ दिख रही हो लेकिन हकीकत यह है कि वो भीड़ मात्र और मात्र अभिनेता की वजह से जुट रहा है जोकि सेल्फी लेने के लिए हो। गोरखपुर का मुकाबला मात्र रवि किशन बनाम रामभुआल निषाद होता दिख रहा है, भाजपा को भी ये बात पता है कि मौजूदा समय रामभुआल ही रवि किशन पर बीस पड़ रहे हैं। लेकिन बीजेपी कार्यकर्ताओं को भरोसा है कि जनता प्रत्याशी देख कर नहीं मोदी को देखकर वोट करेगी।

लेकिन कहीं न कहीं उन्हें उपचुनाव में मिला हार का डर भी सता रहा। गोरखपुर सीट पर अगर जातीय समीकरण की बात करें तो निषाद जाति के करीब साढ़े चार लाख के करीब वोटर है जिनका वोट बीजेपी को मिलना बहुत मुश्किल है और शायद इसी समीकरण को देखते हुए बीजेपी ने निषाद पार्टी को ही अपने मे विलय कर लिया। लेकिन निषाद पार्टी का बीजेपी में शामिल होना तमाम निषाद वोटरों को भाया नहीं है और इसीलिए इस समय गोरखपुर की सीट रामभुआल के पक्ष में जाती दिख रही है।

वहीं सूत्रों की माने तो 12 मई के बाद यानी छठें चरण के बाद बीजेपी के तमाम नेता प्रचार प्रसार के लिए गोरखपुर का रुख करेंगे और वही आखरी का पांच दिन तय करेगा कि जनता का रुख आखिर है तो है किधर…

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