हाई कोर्ट ने हड़काया: नेताओं के दबाव इंसाफ नहीं कर रही UP पुलिस

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उन्नाव गैंग रेप के मामले में आज हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में पुलिस जनप्रतिनिधियों के दबाव में काम कर रही है और जनप्रतिनिधि अतांक फैला रहें हैं।

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कोर्ट ने कड़े लहजे में कहा कि

“यदि कोर्ट महाधिवक्ता के तर्कों को मान ले तो किसी भी पीडि़त को न्याय नहीं मिल सकता। सवाल उठाया कि ‘क्या हत्या, लूट और डकैती के मामलों में भी गिरफ्तारी के पहले साक्ष्य इकट्ठा करने की वह दलील देंगे? कोर्ट ने यहां तक कहा कि आरोपितों के पक्ष में उनकी दलीलें सुनकर कोर्ट को धक्का लगा है और उनके तर्क भय उत्पन्न करने वाले हैं।”

मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने महाधिवक्ता से कड़े शब्दों में कहा कि महाधिवक्ता पूरी सुनवाई के दौरान आरोपी का ही बचाव करते ही रहे जबकि सरकार का कार्य त्वरित न्याय देना होता है। यह परंपरा ठीक नहीं है मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने आगे कहा कि “पीड़िता कई महीनों तक न्याय के लिए दर बदर भटकती रही लेकिन उसे कोई न्याय नहीं मिला यहां तक कि पुलिस ने FIR भी दर्ज नहीं की.

न्यायालय ने आगे कहा कि डकैती, सामूहिक दुष्कर्म और हत्या जैसे सेंसेटिव मामलों में भी गिरफ्तारी के लिए पहले साक्ष्य जुटाने की बात क्यों कही जा रही है यह समझ से परे है।