यौन हिंसा के खिलाफ लड़ने वाले डेनिस और नादिया को मिला नोबेल शांति पुरस्कार 2018

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दुनियाभर के युद्धग्रस्त क्षेत्रों में यौन हिंसा के खिलाफ काम करने के लिए कांगो के डॉक्टर डेनिस मुकवेगे और यजीदी कार्यकर्ता नादिया मुराद को 2018 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए शुक्रवार को चुना गया।

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न्यूज एजेंसी एएफपी के अनुसार, नोबेल समिति की अध्यक्ष बेरिट रेइस एंडरसन ने यहां नामों की घोषणा करते हुए कहा कि इन दोनों को यौन हिंसा को युद्ध के हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने पर रोक लगाने के इनके प्रयासों के लिए चुना गया है। दोनों वैश्विक अभिशाप के खिलाफ संघर्ष का उदाहरण हैं।

63 वर्षीय डॉ. मुकवेगे को उनके द्वारा युद्धग्रस्त पूर्वी डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में महिलाओं को हिंसा और बलात्कार और यौन हिंसा के सदमे से बाहर निकालने में दो दशकों तक काम के लिए मान्यता मिली थी। मुकवेगे ने पांजी अस्पताल जिसे उन्होंने 1999 में दक्षिण किवु में स्थापित किया था वहां में बलात्कार के हजारों पीड़ितों का इलाज किया है जिनमें महिलाएं, बच्चे और यहां तक कि कुछ महीने के शिशु भी शामिल हैं।