गोरखपुर से कर रहे थे लश्कर-ए-तैयबा के लिए फंडिंग,एटीएस ने किया गिरफ्तार

564

गोरखपुर।

Advertisement

गोरखपुर में चल रहा था,टेरर फंडिंग का खेल।जी हां,टेरर फंडिंग,शायद इसका मतलब आप लोगों को समझ में ही नहीं आ रहा होगा कि आखिर यह टेरर फंडिंग है क्या?
हम आपको बताते हैं, टेरर फंडिंग वह फंडिंग है जोकि टेररिस्ट यानी आतंकवादियों के लिए किया जाता है।
गोरखपुर से पाकिस्तान के खूंखार आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को फंडिंग करने के मामले में 10 लोगों को एटीएस ने गिरफ्तार कर बड़ी सफलता पाई है।इस बात का आज लखनऊ में खुलासा करते हुए डीजीपी ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि गोरखपुर में कल 3 लोगों को उठाया गया था वही अलग-अलग की गई छापेमारी में कुल 10 लोगों को पकड़ा गया।इनसे पूछताछ में पता चला कि ये लोग पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को फंडिंग मुहैया कराते थे। कल एटीएस ने गोरखपुर में छापा डालकर मोबाइल कारोबार से जुड़े दो भाइयों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने इनके पास से 5 लाख रुपए बरामद किए और इनकी बलदेव प्लाजा व रेती के दुकान को सील कर दिया।

आपको बताते है कि कैसे करते थे ये आतंकी संगठन के लिए काम-

पाकिस्तान से लश्कर-ए-तैयबा का आदमी लाहौर से फोन और इंटरनेट के जरिए इनसे संपर्क में रहता था।गोरखपुर का रेती व बलदेव प्लाजा का मार्केट पहले से ही मोबाइल और इंटरनेट के कई फर्जी कारोबारियों के लिए चर्चा में रहा है,पाकिस्तान में बैठा व्यक्ति इन सदस्यों से फर्जी नाम से अकाउंट खोलने के लिए बोलता था।वह बताता था कि कितना धन किस खाते में डालना है इसके बदले में भारतीय एजेंटों को परसेंटेज भी मिलता था। पाकिस्तान से सिम बॉक्स के अवैध नेटवर्क द्वारा कॉल करना पाया गया है एटीएस पूर्व में भी आई.एस.आई द्वारा संचालित इस नेटवर्क पर कार्रवाई करती रही है।

एटीएस यह करेगी कार्रवाई-

पाकिस्तान के किन फर्जी खातों में ये पूरा नेटवर्क मिलकर रुपए भेजता था?
वह कौन व्यक्ति है?
साथ ही बैंकों की भी जिम्मेदारी तय की जाएगी,इस में लिप्त बैंक कर्मियों पर भी कार्रवाई होगी। अभियुक्तों को पुलिस रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है ताकि पूरे नेटवर्क का खुलासा हो सके।