अब सिर्फ मेडिकल स्टोर पर ही नहीं रेलवे स्टेशनों, किराने के दुकानों पर भी मिलेंगी दवाएं
फार्मा कंपनियों के लिए जल्दी ही बाजार का दायरा बढ़ने वाला है। मेडिकल स्टोर जैसी बाध्यता खत्म कर तमाम तरह की छोटी-मोटी दवाएं किराने की दुकान से लेकर हवाई अड्डे व रेलवे स्टेशनों तक में मिलने लगेंगी। इसके लिए सरकार बिना डॉक्टर के परामर्श से ली जा सकने वाली (ओवर द काउंटर) दवाओं की परिभाषा व सूची तैयार कर रही है। इसके साथ ही दवा कंपनियों के कई नामी ब्रांड के विज्ञापन व खुदरा विपणन की इजाजत भी मिल सकती है। अभी दवाएं बेचने के लिए फार्मास्युटिकल की डिग्री होना अनिवार्य है। दवाएं भी के वल मेडिकल स्टोर पर ही मिलती हैं। दरअसल, केंद्र सरकार देश की दवा कंपनियों के लिए जल्दी ही बड़ी राहत लेकर आने वाली है। इसके तहत दवा कंपनियों की सर्दी, जुकाम, सिरदर्द, बुखार, दस्त जैसी बीमारियों की दवा किराने की दुकानों से लेकर पेट्रोल पंपों तक में बेचने की इजाजत होगी।
अभी ऐसा करना गैरकानूनी है। सरकार की कोशिश है कि नॉन शेड्यूल ड्रग्स यानी बिना डॉक्टर के पर्चे के मिलने वाली दवाओं को कहीं भी बेचा जा सके, ऐसा कानूनी प्रावधान किया जाए। सरकार के इस कदम से डॉ. रेड्डीज, सनफार्मा, ल्यूपिन, बाकहार्ड और एबाट जैसी तमाम कंपनियों को बड़ा फायदा होगा। सरकार की ओर से यह सहूलियत देने से एक झटके में इनके बाजार का दायरा काफी बढ़ जाएगा। अभी तक ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है, जिसमें पता लग सके कि ओवर दि काउंटर (ओटीसी) दवाओं की परिभाषा क्या है और कौन-कौन सी दवाएं इसके तहत आनी चाहिए। लेकिन अब सरकार इसकी परिभाषा तय करने के साथ ही इसकी सूची भी बनाने वाली है। इससे ये दवाएं न केवल दवा दुकानों पर बल्कि किसी भी किराना दुकान ,पान दुकान, रेलवे स्टेशन से लेकर एअरपोर्ट व सुपर बाजार जैसी जगहों पर भी मिलने लगेंगी।
इसमें यह भी तय किया जाएगा कि इसकी पैकेजिंग अलग हो, जिसमें यह हिदायत भी लिखी होगी कि कितनी दवा यानी कितनी मात्रा में यह दवा बिना डॉक्टर से पूछे खाई जा सकती है ताकि दवा के ओवर डोज को रोका जा सके। लोग बिना डॉक्टर से पूछे ज्यादा दवाएं न खा लें इसके लिए निर्धारित होगा कि दवा के एक पत्ते में 10 से 15 टैबलेट के बजाय तीन से छह या आठ टैबलेट हों। दवाओं के पोटेंसी, डोज, लेबलिंग व उनकी पैकिंग वगैरह के बारे में भी सरकार नियम बनाएगी। डॉक्टर से परामर्श के बिना कितने दिन दवा खा सकते हैं, यह चेतावनी भी लिखी होगी। नया नियम बन जाने से बुखार की दवा पेरासिटामोल,दर्द की दवाआइब्रुफेन, एसीडिटी की दवाएं पेंटासिड, ब्रोजोडेक्स, पेंटाप्रोजाल, रैंटाडाइन और पाचन की दवाएं डायजिन,वोवरान व क्वार्डीडर्मा जैसी दवाएं इस(ओटीसी) सूची में शामिल होंगी।