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दूसरे राज्यों से आना चाहते हैं घर? जानिए कैसे आपको स्पेशल ट्रेन की परमिशन मिलेगी

गोरखपुर। केंद्र सरकार की इजाजत मिलने के बाद से ही दूसरे प्रदेशों में फंसे यूपी के वर्कर्स और स्टूडेंट्स को बुलाने का काम शुरू हो चुका है। लेकिन अधिकतर लोग अभी भी इस असमंजस में है कि क्या उन्हें इस ट्रेन में यात्रा करने की परमिशन मिलेगी? अगर परमिशन मिलेगी भी तो कैसे? गोरखपुर लाइव आपको बता रहा है इन सभी सवालों के जवाब।

कैसे मिलेगी यात्रा की परमिशन?

यात्रा की परमिशन आपको सरकार की तरफ से मिलेगी। आप जहां हैं वहां की स्थानीय प्रशासन एक सूची तैयार करेगी। इसके लिए आपको स्थानीय प्रशासन से संपर्क करना होगा। आपको अपने राज्य का कोई स्थाई डॉक्यूमेंट जैसे आधार वोटर कार्ड राशन कार्ड आदि देना होगा। इसके बाद ही आपको यात्रा की परमिशन दी जाएगी।

नोडल ऑफिसर तय करेंगे दूसरे राज्य में फंसे वर्कर्स और स्टूडेंट्स लिस्ट

हर राज्य का एक नोडल ऑफिसर बनाया गया है जो दूसरे राज्य में फंसे वर्कर और स्टूडेंट्स की लिस्ट तैयार करेगा और उन राज्यों को उपलब्ध कराएगा जहां पर वर्कर्स और स्टूडेंट्स फंसे हुए हैं। इसके लिए कई माध्यमों से जानकारियां जुटाई जा रहे हैं जिनमें से कुछ माध्यमों की जानकारी नीचे दी गई है।

आपकी राज्य सरकार भी बना रही है सूची

इसके अलावा आपके राज्य से भी एक सूची संबंधित राज्य जहां फंसे हुए हैं वहां भेजी जा रही है। इस लिस्ट से भी आपको यात्रा करने की परमिशन मिल सकती है। इसके लिए सभी सरकारों ने हेल्पलाइन नंबर जारी का दूसरे राज्यों में फंसे वर्कर्स, स्टूडेंट्स की जानकारी देने को कहा है।

ग्राम प्रधान या पार्षद के माध्यम से भी दे सकते हैं सूचना

अगर आप गोरखपुर के हैं तो आप अपने ग्राम प्रधान या पार्षद के माध्यम से भी दूसरे राज्य में फंसे होने की सूचना अपने जिला प्रशासन को भेज सकते हैं। गोरखपुर जिला प्रशासन की आदेश पर प्रत्येक ग्राम प्रधान तथा पार्षद अपने यहां से वर्कर्स और स्टूडेंट्स जो दूसरे राज्य में फंसे हुए हैं उनकी लिस्ट बना रहे हैं।

वेबसाइट से भी कर सकते हैं आवेदन

अगर आप गोरखपुर के हैं तो गोरखपुर जिला प्रशासन द्वारा जारी वेबसाइट www.wecaregorakhpur.in माध्यम से भी आप अन्य राज्यों में फंसे होने की सूचना गोरखपुर प्रशासन को दे सकते हैं। उसके बाद गोरखपुर प्रशासन आपके लिस्ट सरकार को भेजेगा ताकि आपको भी उस राज्य से आपके घर तक पहुंचाया जा सके।

बिना सरकार परमिशन के यात्रा की इजाजत नहीं

अगर आपकी सोच रहे हैं कि आप रेलवे स्टेशन पहुंचकर टिकट कटा कटा कर ट्रेन की यात्रा कर सकते हैं तो ऐसा बिल्कुल नहीं है। सिर्फ सरकार द्वारा परमिशन लिए गए लोगों को भी यात्रा करने की अनुमति है।

स्पेशल श्रमिक ट्रेन का किराया कितना लगेगा?

दूसरे राज्यों में फंसे वर्कर्स और स्टूडेंट्स को उनके गांव-घर पहुंचाए जाने के लिए कोई किराया नहीं लिया जाएगा। संबंधित राज्य सरकारें रेलवे को एकमुश्त अपने पास से किराए का भुगतान करेंगी।

यात्रा के समय रखना होगा विशेष ध्यान, बिना मास्क परमिशन नहीं

यात्रा के दौरान भी सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ख्याल रखना होगा। बिना मास्क के यात्रा करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। कहीं भी ज्यादा भीड़ ना हो, अफरा-तफरी का माहौल ना हो, और लॉकडाउन का उल्लंघन ना हो इस बात का विशेष ख्याल रखना होगा।

21 दिन क़वारन्टीन रहना होगा उसके बाद ही जा सकेंगे घर

अगर आप दूसरे प्रदेशों से अपने घर वापस आते हैं तो आपको सीधे घर जाने की अनुमति नहीं होगी। पहले आपको मेडिकल स्क्रीनिंग से गुजरना होगा। उसके बाद जिला प्रशासन जरूरत के हिसाब से आपको जिले में बनेगा क़वारन्टीन सेंटर या फिर आपके गांव या वार्ड में बने क्वॉरेंटाइन सेंटर में 21 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन करेगा। जरूरत के हिसाब से आपको होम क्वॉरेंटाइन भी किया जा सकता है।

केंद्र सरकार ने हाल ही में दी थी पर परमिशन

लॉकडाउन में दूसरे शहर में बड़ी संख्या में फंसे प्रवासी कामगारों के परेशानी को देखते हुए केंद्र सरकार में पिछले दिनों विशेष ट्रेन चलाई जाने की अनुमति प्रदान की थी। लॉकडाउन के बाद से ही दिल्ली, मुंबई, सूरत, बेंगलुरु, नासिक, चेन्नई जैसे बड़े शहरों में यूपी और बिहार के लाखों वर्कर्स के फंसे होने से सरकारों के लिए गंभीर समस्या उत्पन्न हो गयी थी।

पैदल ही निकल पड़े थे सैकड़ों किलोमीटर दूर

लॉकडाउन के कुछ ही दिन बाद कई श्रमिकों का धैर्य जवाब दे गया और उन्होंने पैदल यात्रा ही शुरू कर दी थी सैकड़ों हजारों किलोमीटर की पैदल यात्रा करके श्रमिक गांव पहुंचने लगे थे। इससे सरकारों के माथे पर चिंता की लकीरें पड़ने लगी थी। लेकिन केंद्र सरकार से इजाजत न मिलने के कारण प्रदेश सरकारें अपने-अपने श्रमिकों को अपने राज्य में नहीं ला सकी थीं।

राज्यों ने शुरू किया वापसी का महाअभियान

अब जब केंद्र सरकार ने अन्य राज्यों में फंसे नागरिकों को लाने की इजाजत दे दी है तब कई राज्यों ने पहल कर बसों और ट्रेनों के माध्यम से अपने अपने श्रमिकों को अपने यहां बुलाना शुरू कर दिया है।

वापस आने वाले सभी लोगों को जांच से गुजरना होगा

हालांकि अन्य प्रदेशों से आने वाले श्रमिकों को स्वास्थ्य जांच से गुजरना अनिवार्य है। साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी प्रवासी श्रमिक जो बाहर से आए हैं उनके लिए 21 दिन का गारंटी अनिवार्य किया है।

रेलवे स्टेशन पर शुरू की गई तैयारियां

गोरखपुर रेलवे स्टेशन समेत तमाम रेलवे स्टेशन जहां दूसरे राज्यों से वर्कर्स और स्टूडेंट्स को लाया जाना है वहां पर आरपीएफ, मेडिकल टीम साथ-साथ स्थानीय प्रशासन नें तैयारियां शुरू कर दी हैं जगह-जगह दाढ़ी कटिंग की जा रही है।

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