अमेरिकी न्यूज़ रिपोर्ट : चीन की लैब में ही बनाया गया था कोरोना वायरस

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अमेरिकी टीवी चैनल फॉक्स न्यूज ने गुरुवार को दावा किया कि चीन ने एक विशेष उद्देश्य से इस वायरस को वुहान की लैब में पैदा किया ताकि वह बता सके कि उसके वैज्ञानिक अमेरिकी वैज्ञानिकों से कहीं आगे हैं। चीन ने यह दिखाने की कोशिश की कि वह कोरोना जैसे खतरनाक वायरस की अमेरिका की तरह या उससे ज्यादा अच्छे से पहचान कर सकता है और उससे पूरी ताकत के साथ निपट सकता है। यह उसका अब तक का सबसे महंगा और गुप्त कार्यक्रम था।

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चीन ने वेट मार्केट की थ्योरी भी जानबूझकर फैलाई

चैनल ने सूत्र के हवाले से कहा कि डॉक्टरों के प्रयासों और इस वायरस को शुरू में लैब में रोकने से जुड़े कई दस्तावेजों के अध्ययन से यह पता चलता है कि वुहान में जिस वेट मार्केट की पहचान कोरोना फैलने के रूप में की गई थी, वहां चमगादड़ बिकते ही नहीं थे। चीन ने वेट मार्केट की थ्योरी को भी जानबूझकर फैलाया ताकि लैब पर लगने वाले आरोप दब जाएं। चीन चाहता था किइसके जरिए वह अमेरिका और इटली को निशाना बनाए।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को ही कहा था कि वुहान कीलैब से कोरोनावायरस दुर्घटनावश लोगों में फैला या जानबूझकर, इसका पता हम लगाकर ही रहेंगे। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो पहले ही कह चुके हैं कि चीन को बताना होगा कि वायरस कैसे फैला?

तनाव बढ़ेगा: अमेरिका का चीन पर न्यूक्लियर टेस्ट का संदेह

अमेरिकी विदेश विभाग ने बुधवारको कहा कि हो सकता है किचीन ने सीटीबीटीसंधि का पालन करने के दावे के बावजूद गुप्त रूप से कम क्षमता का परमाणु परीक्षण विस्फोट किया हो। इस दावे के बाद दोनों देशों के बीच कोरोनावायरस के चलते पहले से ही तल्ख संबंध और ज्यादा तनाव बढ़ा सकते हैं। दरअसल, चीन के परमाणु परीक्षण स्थल लाेप नूर पर पिछले साल काफी हलचल देखी गई थी, जिसके चलते अमेरिका के मन में ये संदेह उठ रहा है कि उसने परमाणु परीक्षण किया होगा।