लखनऊ। उत्तरप्रदेश में 17 मई के बाद लॉकडाउन दो हफ्तों के लिए और बढ़ सकता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ हुई मीटिंग में ज्यादातर मंत्रियों ने यह सुझाव दिया। साथ ही रोजगार और आर्थिक मामलों पर भी ध्यान देने पर जोर दिया गया, ताकि लोगों को अधिकाधिक रोजगार मिल सके। मुख्यमंत्री ने भी कहा कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए सभी जरूरी कदम उठाते हुए आर्थिक गतिविधियों पर भी फोकस किया जाएगा। स्थानीय उद्यमों पर भी अधिकाधिक फोकस किया जाएगा, ताकि प्रदेश का प्रत्येक गांव और जिला आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ सके।
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डेढ़ घंटे तक चली बैठक
कोरोना संकट और लॉकडाउन को लेकर मुख्यमंत्री और मंत्रियों की बैठक करीब डेढ़ घंटे तक चली। इसमें मंत्रियों ने लॉकडाउन बढ़ाने के साथ आर्थिक गतिविधियों के लिए अधिक से अधिक अनुमति देने की बात कही।
मिल सकती है शादी ब्याह की अनुमति
कोविड-19 प्रोटोकॉल के पालन के साथ शादी-ब्याह की अनुमति भी देने का सुझाव दिया। इस दौरान सीएम ने प्रभारी मंत्रियों से कहा कि वे अपने-अपने जिलों पर लगातार ध्यान दें। बाहर से आने वाले प्रवासी श्रमिकों पर निगरानी रखें। उनकी समस्याओं को प्राथमिकता के साथ हल करवाने में मदद करें।
केंद्र को भेजा जाना है सुझाव
सीएम ने कहा कि लॉकडाउन के तीसरे चरण की समाप्ति से पहले केंद्र को सुझाव देने हैं। इसलिए यह बैठक की जा रही है। लॉकडाउन का चौथा चरण लागू होता है, तो उसका क्या स्वरूप होगा, इस संबंध में विस्तृत सुझाव देने होंगे। भारत सरकार चाहती है कि लॉकडाउन के संबंध में राज्य सरकारें स्वयं निर्णय लें।
बाहर से यूपी आने वाले कई वर्कर्स के संक्रमित होने की आशंका
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी 10 दिन बहुत चुनौतीपूर्ण होंगे। इस लिहाज से खास सतर्कता बरतने की जरूरत है। आने वाले श्रमिकों में से कई संक्रमित होंगे। उत्तर प्रदेश में प्रवासी श्रमिकों को भेजने का अन्य राज्य लगातार दबाव बना रहे हैं।
दिल्ली से यूपी आये साढ़े चार लाख से अधिक श्रमिक
दिल्ली से साढ़े चार लाख श्रमिक अभी और आने को आतुर हैं। अगर अगले 10 दिनों तक संक्रमण को नियंत्रित कर लिया जाए तो कोरोना उत्तर प्रदेश में नियंत्रित होगा।