उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता को एयरलिफ्ट कर सफदरजंग अस्पताल भेजा गया

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लखनऊ। उन्नाव में आग के हवाले की गई दुष्कर्म पीड़िता को एअरबस से दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल भेज दिया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पीड़िता को एअरलिफ्ट कराया गया। इसके लिए लखनऊ पुलिस ने सिविल अस्पताल से अमौसी एयरपोर्ट तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया। अस्पताल से लेकर एयरपोर्ट तक ग्रीन कॉरिडोर में ट्रैफिक पुलिस के जवान मुस्तैद रहे। पीड़िता को बंदरिया बाग और अर्जुनगंज होते हुए शहीद पथ रास्ते से एयरपोर्ट पहुंचाया गया।

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एएसपी ट्रैफिक पूर्णेदु सिंह ने बताया कि दुष्कर्म पीड़िता को एम्बुलेंस के जरिए एयरपोर्ट रवाना किया गया। उसे ले जाने में काफी सावधानी बरती गई। एकाएक ब्रेक लगने से मरीज को दिक्कत न हो। लिहाजा, रफ्तार को संतुलित रखा गया। यह सुविधा बंगलुरू, कोच्चि, चेन्नई, मुंबई, दिल्ली समेत कई अन्य शहरों में ऐसे कॉरिडोर की सुविधा दी जा चुकी है।

पीड़िता को सिविल अस्पताल से अमौसी एयरपोर्ट पहुंचाने में 100 ट्रैफिक पुलिस कर्मी लगे। उसके साथ एएसपी ट्रैफिक-1, सीओ ट्रैफिक-1, टीआई-3, टीएसआई-12, हेड कांस्टेबल-20, ट्रैफिक सिपाही- 33 और होमगार्ड-30 लगाए गए।

90 प्रतिशत से ज्यादा जल चुकी पीड़िता की हालत बेहद नाजुक बताई जा रही है। लखनऊ के सिविल अस्पताल के डॉक्टरों की राय के बाद प्रशासन ने अब उसे दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में भर्ती कराया है।

सिविल अस्पताल के निदेशक डॉ. डीएस नेगी के मुताबिक, 90 फीसद बर्न है। हालत गंभीर है।

उधर, घटना के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग ने यूपी के डीजीपी ओ.पी. सिंह से इस मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इसमें पीड़िता के केस दर्ज करवाने की तारीख से अब तक की कार्रवाई का ब्योरा मांगा गया है। साथ ही यह भी पूछा गया है कि दुष्कर्म पीड़िता को सुरक्षा नहीं देने पर किन अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।