लंबे समय से बंद स्टूडेंट्स की पढ़ाई सरकार के आदेश के बाद अब शुरू होने वाली है। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय एवं संबद्ध महाविद्यालयों में ऑनलाइन कक्षाएं 20 मई से फिर शुरू हो जाएंगी। कर्मचारियों की उपस्थिति भी पहले की तरह ही रोस्टर के मुताबिक 50 प्रतिशत के आधार पर कराई जाएगी।
विश्वविद्यालय के विभागों को भी खोलने की अनुमति मिल गई है। हालांकि शिक्षकों की विभाग में उपस्थिति पर निर्णय कुलपति को लेना है। इस संबंध में विश्वविद्यालय में अभी तक निर्णय नहीं हो सका है।
शासन के विशेष सचिव अब्दुल समद ने ऑनलाइन कक्षाओं के संबंध में समस्त राज्य विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
गोरखपुर विश्वविद्यालय में भी इस निर्देश पर अमल करने के लिए मंथन शुरू हो गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने पूर्व में बनाए गए दिशा-निर्देशों को ही लागू करने का मन बनाया है।
इसके मुताबिक रोस्टर बनाकर कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी। इसमें यह ख्याल रखा गया था कि कर्मचारी को एक दिन के अंतराल पर ही ड्यूटी करनी पड़े। हालांकि शिक्षकों की उपस्थिति पर निर्णय कुलपति को लेना है।
कुलपति के शहर से बाहर होने के चलते इस पर फैसला नहीं हो सका है। कुलसचिव डॉ. ओमप्रकाश ने बताया कि ऑनलाइन कक्षाएं पूर्व की तरह ही संचालित होती रहेंगी।
विभाग को खोलने और कर्मचारियों की उपस्थिति के मसले पर शासन के निर्देशों का पालन किया जाएगा।
यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स को प्रमोटे करने की तैयारी
बिना परीक्षा दिए विद्यार्थियों को प्रोन्नत (प्रमोट) किए जाने के लिए शासन के निर्देश पर गठित तीन सदस्यीय कमेटी ने सभी विश्वविद्यालयों से इस संबंध में रायशुमारी की है। गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रशासन और परीक्षा विभाग से भी सुझाव लिए गए हैं।
एक प्रशासनिक अधिकारी के मुताबिक प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को प्रमोट किया जा सकता है। द्वितीय व तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों की परीक्षा कराने का भी सुझाव मिला है क्योंकि इन कक्षाओं के विद्यार्थियों की पिछले वर्ष भी परीक्षा नहीं हुई थी।
अगर परीक्षा हुई तो मूल्यांकन का आधार क्या होगा? इस पर भी मंथन चल रहा है। हालांकि इस पर अंतिम निर्णय कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद शासन स्तर से ही लिया जाएगा।