कोरोना वायरस से एक तरफ जहां पूरी दुनिया त्राहिमाम कर रही है, वहीं दूसरी तरफ दुनिया के दो शक्तिशाली देशों के बीच कोरोना को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इशारा किया कि कोरोना वायरस को लेकर डब्ल्यूएचओ और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को कथित रूप से गलत जानकारी देने के कारण चीन को दुष्परिणाम भुगतने होंगे। कोरोना का संक्रमण चीन के वुहान शहर से फैलना शुरू हुआ था और इसने अब तक दुनिया में 1,19000 से ज्यादा लोगों की जान ले ली है और करीब 20 लाख लोग इससे संक्रमित हैं।
व्हाइट हाउस में सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में एक पत्रकार ने ट्रंप से बार-बार सवाल किया कि इसके लिए चीन कोई दुष्परिणाम क्यों नहीं भुगत रहा? इसके जवाब में ट्रंप ने कहा कि आपको कैसे पता, इसके कोई दुष्परिणाम नहीं हैं?
इस बारे में बार-बार सवाल किए जाने पर ट्रंप ने कहा कि मैं आपको नहीं बताऊंगा। चीन को पता चल जाएगा। मैं आपको क्यों बताऊंगा? चीन के खिलाफ अमेरिकी सांसदों की टिप्पणियों के बीच ट्रंप ने कहा कि आपको पता चल जाएगा।
सीनेटर स्टीव डेन्स ने ट्रंप को पत्र लिखकर अपील की है कि अमेरिकी सरकार चीन से चिकित्सकीय आपूर्ति एवं उपकरणों पर निर्भरता को समाप्त करे और अमेरिका में दवाइयां बनाने संबंधी नौकरियां वापस लेकर आए। रिपब्लिकन पार्टी के चार सांसदों ने भी चीन पर निर्भरता कम करने के लिए सोमवार को एक विधेयक पेश किया था।