Home न्यूज़ कल 2020 का पहला सूर्यग्रहण, आज रात लग जायेगा सूतक

कल 2020 का पहला सूर्यग्रहण, आज रात लग जायेगा सूतक

साल 2020 का पहला सूर्य ग्रहण 21 जून को लगने जा रहा है। खास बात ये हैं कि ये वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा जिसमें चंद्रमा सूर्य का करीब 98.8% भाग ढक देगा।

भारत समेत इस ग्रहण का नजारा नेपाल, पाकिस्तान, सऊदी अरब, यूऐई, एथोपिया तथा कोंगों में दिखेगा। वहीं भारत में देहरादून, सिरसा अथवा टिहरी कुछ प्रसिद्ध शहर है जहां पर लोग वलयाकार सूर्य ग्रहण का खूबसूरत नजारा देख पाएंगे। देश के अन्य हिस्सों में आंशिक सूर्य ग्रहण दिखाई देगा।

महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान ट्रस्ट के ज्योतिषाचार्य पं. राकेश पाण्डेय के अनुसार खण्ड सूर्यग्रहण आषाढ़ कृष्ण अमावस्या को सूर्यग्रहण (चूणामणियोग ) युक्त लगेगा जो भारत में दिखाई देगा।

सूर्यग्रहण का सूतक 12 घण्टे पूर्व ही लग जायेगा सूतक 20 जून को रात्रि 10:31 से लग जायेगा। भारतीय मानक समयानुसार इस खण्डसूर्यग्रहण का स्पर्श रविवार को दिवा 10:31 मिनट पर होगा।

मध्य 12:18 मिनट पर व मोक्ष दिवा 02:04 पर यह ग्रहण समाप्त होगा। ग्रहण का प्रारम्भ मृगशिरा नक्षत्र व समाप्ति अर्थात् मोक्ष आर्द्रा नक्षत्र में होगा।

विभिन्न राशियों पर ग्रहण का फल निम्न प्रकार है –

मेष – धन लाभ परन्तु शारीरिक कष्ट हनुमान जी की आराधना करें।
वृष -मृत्यु तुल्य कष्ट शक्ति की उपासना करें।
मिथुन – स्त्री /पति कष्ट ।शक्ति की आराधना करें
कर्क- शारीरिक व मानसिक कष्ट
सिंह- धन लाभ व सुख की वृद्धि शिव की उपासना करें।
कन्या- सुख की प्राप्ति।
तुला – प्रतिष्ठा की हानि।
वृश्चिक -आर्थिक कष्ट,हनुमत आराधना करें ।
धनु- शारीरिक व मानसिक कष्ट विष्णु की आराधना करें।
मकर – धन लाभ परन्तु मानसिक कष्ट हनुमत आराधना करें।
कुम्भ – मानसिक व शारीरिक कष्ट,हनुमान जी आराधना करें।
मीन – मानसिक कष्ट ,विष्णु की आराधना करें।

ज्योतिषीय ग्रहयोगानुसार चार ग्रह वक्री होने के फल स्वरूप 22 जून के पश्चात् प्रलयकारी वर्षा व दैवी प्राकृतिक प्रकोप से जन-धन की क्षति हो सकती है व किसी बड़े राजनेता का आकस्मिक निधन होने के योग बन रहें अतः सम्पूर्ण जनमानस को चाहिए की शिव व शक्ति की आराधना निष्ठा पूर्वक करें।

विशेष – बाल वृद्ध व रोगी को छोड़कर सूर्यग्रहण से 12 घण्टे पूर्व आहार वर्जित है। गर्भवती महिलाओं को चाहिए की अपने शरीर के बराबर काला धागा नापकर दीवाल में कील के सहारे लटका दें।

ग्रहण काल में शयन न करें। भोजन न करे व प्रसन्न चित्त रहते हुए अपने आराध्य देव से गर्भ शिशु के लिए कल्याण की कामना करें। ग्रहण काल में किया हुआ जप तप सिद्धप्रद होता है।

Exit mobile version