महराजगंज। जिले के हैदराबाद में काम करने वाले वर्कर के पास जब खाने पीने का सामान खत्म हो गया पैसे भी नहीं बचे तो वह साइकिल से ही हैदराबाद से निकल पड़ा। जब साइकिल से 12 दिन में वह अपने घर पहुंचा तो परिवार वालों ने घर में घुसने ही नहीं दिया। परिवार के लोगों के साफ तौर पर कह दिया कि पहले 14 दिन क्वारंटीन में रहो, उसके बाद ही घर में प्रवेश मिलेगा। इस बात की जानकारी घर वालों ने गांव के प्रधान को भी दे दी। इसके बाद युवक को लोगों ने उल्टे पांव क्वारंटीन सेंटर भेज दिया।
मिली जानकारी के मुताबिक महराजगंज के शिकारपुर गांव के रहने वाला एक युवक कुछ दिन पहले हैदराबाद में काम करने गया था।
वहां लॉकडाउन के बाद सब काम बंद हो गया। लॉक डाउन में शुरूआत में कुछ दिन तो किसी तरह रह लिया लिए लेकिन धीरे-धीरे सारे पैसे खत्म हो रहे थे।
ऐसे में उसने अपने कुछ दोस्तों के साथ घर जाने की प्लान बनाया। युवक ने अपने बचे पैसे से एक साइकिल खरीदी और घर के लिए निकल पड़ा।
युवक ने बताया कि सिसवा के दो, बृजमनगंज के तीन और निचलौल के दो लोगों के साथ साइकिल लेकर वे घर के लिए रवाना हुए थे। पास में जब तक रुपये थे, तब तक कोई समस्या नहीं हुई, लेकिन रकम समाप्त होने के बाद दूसरों के भरोसे ही रहना पड़ा।
उसने बताया कि रास्ते में सिर्फ कुछ स्थानों पर लोगों ने खाने-पीने के लिए कुछ दे दिया। हैदराबाद से साइकिल से 12 दिन में अपने गांव शिकारपुर पहुंचा।
वहीं, ग्राम प्रधान शिकारपुर कमलेश श्रीवास्तव ने बताया कि सूचना मिलते ही युवक के घर पहुंचकर उसकी स्क्रीनिंग कराने के बाद उसे क्वारंटीन सेंटर में रख दिया गया है। वहां बेहतर ढंग से रहने खाने की व्यवस्था की गई है।