नीतीश गुप्ता, गोरखपुर। आज बात युवाओं की.. उन युवाओं की जो सालों से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं.. ये सोचकर की उन्हें कहीं अच्छी नौकरी मिल जाएगी.. और युवा उम्मीद करे भी क्यों न? 2017 का वो विधानसभा चुनाव का दौर याद करिये जब बीजेपी ने प्रदेश के करोड़ों युवाओं से ये वादा किया था कि हर साल लाखों रोजगार देंगे.. पर अब सब हवाहवाई.. ये हम नहीं कह रहे खुद योगी सरकार मान रही कि हम रोजगार देने में विफल हैं हमारे कार्यकाल में बेरोजगारी दर दोगुनी हुई है..
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यूपी में बेरोजगारी के जो आंकड़े सामने आए हैं वो काफी चिंताजनक है।
आंकड़ों के मुताबिक, साल 2018 की तुलना में साल 2019 के दौरान यूपी में बेरोजगारी की दर डबल हो चुकी है।
आपको बता दें कि यह जानकारी उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से ही साझा की गई है। दरअसल उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू द्वारा विधानसभा में बेरोजगारी को लेकर राज्य के श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या से एक सवाल पूछा गया था।
जिसके जवाब में यह सामने आया है कि साल 2019 में साल 2018 के मुकाबले बेरोजगारी की दर दोगुनी हो चुकी है।
सरकार की ओर से जवाब में कहा गया है कि CMIE (सेंटर फाॅर माॅनिटरिंग इंडियन इकोनाॅमी) की सर्वे रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में बेरोजगारी दर 2018 में 5.92 प्रतिशत थी, जबकि 2019 में बेरोजगारी दर 9.97 प्रतिशत हो गयी है जो कि लगभग दोगुनी है.
वहीं इसी साल फरवरी में श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने विधानसभा में एक सवाल के जवाब में बताया था कि यूपी में बेरोजगारों की संख्या लगभग 34 लाख पहुंच गई है जो कि सरकार द्वारा 2018 में पेश किए गए आंकड़े से 54 प्रतिशत अधिक है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक सवाल के जवाब में कहा है कि श्रम मंत्रालय की ओर से संचालित ऑनलाइन पोर्टल पर 7 फरवरी 2020 तक करीब 33.93 लाख बेरोजगार रजिस्टर्ड हुए हैं. मंत्री जी ने तब जून 2018 तक उत्तर प्रदेश में रजिस्टर्ड बेरोजगारों की संख्या 21.39 लाख बताई थी. इन आंकड़ों के मुताबिक यूपी में 12 लाख से अधिक युवा पिछले दो साल में खुद को बेरोजगार के तौर पर रजिस्टर्ड करा चुके हैं.
गौरतलब है कि bjp सरकार द्वारा प्रदेश के विकास और युवाओं को रोजगार देने के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे थे और किये भी जा रहे हैं। लेकिन बेरोजगारी पर सामने आई इस रिपोर्ट ने सरकार की पोल खोल कर रख दी है। खैर ये रिपोर्ट और आकड़ा तो लॉकडाउन के पहले का है जब लाखों लोग अपना घर अपना प्रदेश छोड़ किसी और राज्य में नौकरी कर अपना जीवन काट रहे थे अब सचिये कि वहीं लाखों करोड़ों लोग अपने घर पहुँच चुके हैं और अब किसी काम किसी रोजगार के चक्कर मे दर दर की ठोकरें खा रहे हैं तो अब आने वाले समय में बेरोजगारी का आकड़ा कहाँ पहुँचेगा?
आखिर में सत्ता पर बैठे साहब से एक छोटा सा सवाल — साहब बस ये बता दो कि युवा नौकरी की तैयारी करे या फिर पढ़ लिखकर ठेला लगाकर पकौड़ा बेचे?