गोरखपुर। गोरखपुर शहर को जल जमाव से मुक्त करने के प्रयास तेज हो गए हैं। दो हजार करोड़ रुपये की लागत से शहर को इस समस्या से निजात दिलाई जाएगी।
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शहर में जलभराव खत्म करने के लिए 2000 करोड़ रुपये खर्च कर के ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त किया जाएगा। इस क्रम में जलभराव दूर करने को बनने वाले मास्टर प्लान के लिए लेडार सर्वे का काम पूरा हो चुका है।
दो दिवसीय गोरखपुर दौरे पर आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों के साथ विकास कार्यों की समीक्षा बैठक की। इस दौरान उनके समक्ष गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) के उपाध्यक्ष अनुज सिंह ने जल जमाव से मुक्ति के लिए कराए गए लेडार सर्वे का प्रस्तुतीकरण किया।
मुख्यमंत्री ने इस काम में तेजी लाने के साथ ही सड़कों को पूरी गुणवत्ता के साथ समय से पूरा कराने का निर्देश दिया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को कई जरूरी दिशा-निर्देश दिए हैं।
सब कुछ सही तरीके से चला तो, सबसे ज्यादा जलभराव वाले इलाकों में वर्ष 2021 के अंतिम तक ड्रेनेज दुरुस्त करने का काम पूरा कर लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक महीने के भीतर डीपीआर प्रस्तुत करने के साथ ही इसमें शामिल विभागों के अलग-अलग कामों का निर्धारण कर पूरी रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा है।
डीएम के. विजयेंद्र पांडियन के मुताबिक योजना में जीडीए, नगर निगम, लोक निर्माण विभाग, डूडा, बिजली विभाग समेत 10 से अधिक विभागों की सहभागिता होगी।
इस कार्य में मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्विवद्यालय का सहयोग लेने का निर्देश भी दिया गया। एक साल के भीतर इस काम को पूरा किया जाए। इसमें केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं से सहयोग मिलेगा। उन्होंने एक महीने में डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने को कहा।
सिंचाई विभाग की ओर से मुख्यमंत्री को बताया गया कि तरकुलानी रेगुलेटर का कार्य अगले वर्षा से पहले पूर्ण हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने रामगढ ताल को डीसिल्ट कर इस क्षेत्र को जल जमाव से मुक्त करने को कहा। जीडीए के सीमा विस्तार पर भी मुख्यमंत्री से चर्चा की गई।
बैठक में पीडब्ल्यूडी की ओर से बनाए गए नालों के फ्लो का वेरीफिकेशन कराने का निर्देश दिया। जल निकासी के लिए उन्होंने पंपों की संख्या बढ़ाने का भी निर्देश दिया।