जिसपर लगा गड़बड़ी का आरोप, साहब ने उन्हीं को सौंप दी बांध की जिम्मेदारी

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गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी जिलों के अधिकारियों को ये साफ निर्देश दिया है कि बरसात से पहले बांधो की मरम्मत अच्छी तरह से पूरी कर लें। सीएम के आदेश के बाद सीएम सिटी में भी बांधो के मरम्मत का काम शुरू हो गया है, लेकिन काम शुरू होने से पहले ही गड़बड़ झाला भी होने लगा। मामला कुछ इस प्रकार है कि कुछ दिनों पहले नौसड़ बोक्टा बांध का कार्य हो रहा था और इसमें भारी अनियमितता पाई गई थी जिसके बाद इसमें 2 इंजीनियर उपेंद्र कुमार और जितेंद्र कुमार पर जांच भी बैठाई गयी थी लेकिन अभी जांच चल ही रहा है कि तभी सिंचाई विभाग के एक बड़े साहब के दया दृष्टि से इनको एक और बांध की जिम्मेदारी मिल गयी।

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सवाल यह है कि जब इनके ऊपर इतना गंभीर आरोप है तो फिर इनको दूसरे बांध के मरम्मत की जिम्मेदारी कैसे मिल गयी? आपको बता दें कि नौसड़ के अन्तर्गत जो बांध बनाई गई थी उसमें नायलॉन जो बोरी के अंतर्गत डाला जाता है उसके गुड़वत्ता में कमी थी जो यह माना जाता है कि बांध के मजबूती के लिए ठीक नहीं है। लेकिन सिंचाई विभाग के अधिकारी को शायद ये गोलमाल नजर नहीं आया या फिर इस गोलमाल को उन्होंने देखते हुए भी शांत रहना उचित समझा।

इतनी बड़ी झोल के बाद साहब पर सवाल तो खड़ा होता है.. सवाल यह कि उपेंद्र कुमार और जितेंद्र कुमार पर इतने बड़े आरोप के बावजूद उनको दूसरे बांध की जिम्मेदारी किसने दे दिया और क्यों दिया? आपको बता दें कि खड़गपुर ,शाहपुर और सोपाई(k S S) बांध की मरम्मत का कार्य चल रहा है और इन्ही दो इंजीनियरों को वहां भी यह दायित्व दिया गया है तो फिर सवाल यह कि जब इतना गंभीर आरोप इनके ऊपर है तो किसके इशारे पर उनको यह दायित्व दिया गया है?

सूत्र बताते हैं कि सिंचाई विभाग के एक बड़े अधिकारी का कृपा इन दोनों इंजीनियरो पर है और उन्ही के इशारे पर वह काम भी कर रहे हैं। खैर सीएम सिटी के कारण लोगों की उम्मीदें गोरखपुर से काफी ज्यादा रहती है मगर जिस तरीके से अधिकारियों की मिलीभगत से बंदरबांट का खेल खेला जा रहा है ये कहीं न कहीं शहर के अधिकारियों साथ साथ नेताओं की मंशा पर भी सवाल खड़ा करता है।