निर्विरोध चुने गए प्रत्याशियों पर शक की सुई, पुलिस कर रही जांच

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गोरखपुर। पंचायत चुनाव अपने चरम पर है। गोरखपुर में नामांकन की प्रक्रिया सम्पन्न हो चुकी है, सिंबल भी अलॉट कर दिए गए हैं। लेकिन कई प्रत्याशी ऐसे भी हैं जिनके सामने कोई विरोधी ही नहीं है ऐसे में उनका निर्विरोध चुनाव होना है।

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लेकिन अब निर्विरोध निर्वाचित सदस्यों पर पुलिस की नजर टेढ़ी हो गई है। अफसरों ने अब उन सभी की जांच शुरू करा दी है जो बिना चुनाव लड़े ही जीत गए हैं। धन-बल, धमकी सहित सभी पहलुओं पर पुलिस और एलआईयू टीम से जांच रिपोर्ट मांगी गई है।

एडीजी जोन अखिल कुमार ने गुरुवार को जोन के सभी जिले के एसपी को पत्र लिखा है। जहां निर्विरोध निर्वाचन की घोषणा हो गई है वहां जल्द से जल्द इस पर रिपोर्ट मांगी गई है जहां अभी नामांकन की प्रक्रिया है वहां नजर रखने को कहा गया है।

दरअसल, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में क्षेत्र पंचायत सदस्य (बीडीसी) सहित अन्य पदों के कई उम्मीदवार इस बार निर्विरोध चुने गए हैं। बिना चुनाव लड़े ही जीते इन उम्मीदवारों में उनके खिलाफ या तो किसी ने पर्चा ही नहीं दाखिल किया या फिर दाखिल करने के बाद पर्चा वापस ले लिया अथवा किन्ही कारणों से पर्चा खारिज हो गया।

अकेले गोरखपुर में ही ऐसे 56 उम्मीदवार हैं जो निर्विरोध हुए हैं यह सभी बीडीसी हैं। इनमें भी कुछ पूर्व प्रमुख रह चुके हैं या फिर जनप्रतनिधि तथा धनबली हैं।

अब इसके बाद एडीजी ने गुरुवार को जोन के सभी आईजी, डीआईजी, एसएसपी व एसपी को पत्र लिखकर निर्देश दिया गया है कि निर्विरोध चुने गए उम्मीदवारों के बारे में जांच करा लें कि इसके पीछे क्या कारण थे कि वे निर्विरोध चुने गए हैं। कहीं निर्विरोध होने के पीछे दबाव या भय तो नहीं काम कर रहा था।

इस संबंध में एडीजी अखिल कुमार ने कहा कि निर्विरोध होने के पीछे क्या कोई वजह है। वास्तव में निर्विरोध प्रत्याशी की छवि इतनी अच्छी थी कि लोगों ने उसे मौका दिया है या फिर कोई और वजह थी। पुलिस और एलाआईयू की टीम जांच कर इस पर अपना रिपोर्ट देगी। जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।