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मोहद्दीपुर में हुए गैंगवार में देवरिया और महराजगंज पुलिस की भूमिका संदिग्ध, आरोपियों का साथ देने का आरोप

गोराखपुर। मोहद्दीपुर गोलीकांड के आरोपित बदमाश फरारी के दौरान पुलिसकर्मियों के संपर्क में थे। मुख्य आरोपित शुभम सिंह सिंघाडा और शुभम सिंह बरहज को गोरखपुर पुलिस सरगर्मी से ढूंढ रही थी।

बताया जा रहा है कि महराजगंज व देवरिया में तैनात पुलिसकर्मियों को उनके बारे में जानकारी थी। यह लोग उनके परिजनों व शुभचिंतकों के संपर्क में भी थे।

मामला सामने आने के बाद डीआइजी ने जांच के निर्देश दिए हैं। रिपोर्ट के आधार पर बदमाशों को प्रश्रय देने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई होगी

21 सितंबर को दौड़ाकर मारी थी गोली

21 सितंबर को कैंट क्षेत्र में बिशुनपुरवा से लेकर मोहद्दीपुर तक सड़क पर भिड़े युवकों के दो गुट ने मारपीट व फायरिंग की थी, जिसमें रामगढ़ताल क्षेत्र के भगत चौराहा निवासी प्रापर्टी डीलर जितेंद्र यादव को गोली लगी थी।

इस घटना का मुख्यमंत्री व डीजीपी कार्यालय ने संज्ञान लिया था। डीआइजी ने आरोपितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश एसएसपी को दिए थे।

इसके बाद मुख्य आरोपित मोतीराम अड्डा, रामपुर के अहिरवाती टोला निवासी शुभम सिंह सिंघाड़ा व उसके साथी देवरिया, बरहज के जयनगर निवासी शुभम सिंह के ऊपर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित हुआ था।

दोनों बदमाश एक सप्ताह तक पुलिस की पकड़ में नहीं आए। दो दिन पहले सिंघाड़ा को महराजगंज पुलिस ने पकड़ा।

उसका साथी शुभम सिंह देवरिया पुलिस की मदद से सोमवार को पकड़ा गया।

डीआइजी राजेश मोदक ने बताया कि इनामी बदमाशों को प्रश्रय देने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई होगी।

कैंट पुलिस ने शुभम सिंह बरहज को दोपहर कोर्ट में पेश किया, जहां से जेल भेज दिया गया। उससे पूछताछ में उसके चार अन्य साथियों के नाम सामने आए हैं।

एक युवक को हिरासत में लेकर पुलिस अन्य की तलाश में जुटी है। शुभम ने पुलिस को बताया कि टशन में बदला लेने के लिए देवरिया से उसने साथियों को बुलाया था।

मोहद्दीपुर में हुई घटना में अब तक 12 आरोपित जेल जा चुके हैं। वारदात में शामिल दोनों गुट के 25 लोगों को पुलिस ने चिह्नित किया है।

एसएसपी जोगेंद्र कुमार ने बताया कि सड़क पर हुई दुस्साहसिक घटना में शामिल किसी को बख्शा नहीं जाएगा।

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