सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मौजूदा आरक्षण मानदंडों के अनुसार 2021 – 2022 के शैक्षणिक सत्र के लिए NEET-PG और UG पाठ्यक्रमों के लिए काउंसलिंग ( NEET-PG counselling) फिर से शुरू करने की अनुमति दे दी है।
इसमें शीर्ष अदालत ने 27 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का कोटा तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) श्रेणी के लिए 10 प्रतिशत कोटे को बरकरार रखा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस वर्ष NEET काउंसलिंग (NEET counselling) के लिए जनवरी 2019 में निर्धारित मानदंडों का पालन किया जाएगा।
अदालत ने अपने फैसले में पांडे समिति द्वारा निर्धारित ईडब्ल्यूएस मानदंड की वैधता की जांच करने का फैसला किया और मार्च के तीसरे सप्ताह में विस्तृत सुनवाई का फैसला किया है। कोर्ट ने गुरुवार को अपना आदेश सुरक्षित रखते हुए कहा कि राष्ट्रहित में काउंसलिंग शुरू होनी चाहिए।
केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और एएस बोपन्ना की पीठ से कहा कि ओबीसी आरक्षण असंवैधानिक है, यह कानूनी रूप से टिकाऊ नहीं है।
बता दें, (NEET counselling) काउंसलिंग प्रक्रिया में देरी को लेकर हाल के दिनों में देश के कई हिस्सों में सरकारी अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों द्वारा बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन देखा गया। सरकार के आश्वासन और पुलिस के साथ बातचीत के बाद सप्ताह भर का आंदोलन को 31 दिसंबर को वापस ले लिया गया था।