छात्र नेता मनीष ओझा के नेतृत्व में छात्रों ने विश्वविद्यालय कुलपति को सौंपा ज्ञापन
गोरखपुर। गोरखपुर विश्वविद्यालय के छात्र नेता मनीष ओझा के नेतृत्व में छात्रों ने कुलपति का घेराव कर ज्ञापन सौंपा। छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर अनियमितता का आरोप लगाते हुए कहा है कि दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर प्रशासन पूरी तरह छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है जिसे कतई छात्र बर्दाश्त नहीं करेंगे। विश्वविद्यालय की उदासीनता का खुलासा करते हुए मनीष ओझा ने कहा कि हमारे नेतृत्व में विगत वर्ष 9 मार्च 2018 को उस समय के तत्कालीन राज्यपाल माननीय राम नाईक जी को मेरे द्वारा 10 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा गया था जिसमें क्रमशः हमारी मांगे पूरी हुई- महिलाओं के सुरक्षा हेतु महिला सुरक्षा गार्ड की तैनाती हुई, आर. ई. टी. (RET) परीक्षा का आयोजन, शिक्षकों व कर्मचारियों की नियुक्ति, छात्र-छात्राओं, शिक्षकों, कर्मचारियों की सुरक्षा हेतु सभी विभागों व कैम्पस के अंदर सीसीटीवी कैमरा लगा, महिला छात्रावास में मेस की व्यवस्था सुदृढ़ की, गोरखपुर विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव का आयोजन सकुशल किया गया लेकिन कतिपय कारणों से रद्द किया गया, गोरखपुर विश्वविद्यालय में एंबुलेंस की व डॉक्टरों की तैनाती की गई जिस पर छात्रो ने हमारा गोरखपुर पहुचने पर अभिवादन भी किया।

लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण बाते है कि हमारी अन्य मांग जिसमें क्रमशः – केंद्रीय विश्वविद्यालय घोषित करने की माँग को उस समय तत्कालीन राज्यपाल राम नाईक जी ने महामहिम राष्ट्रपति भारत सरकार को पत्र लिखा व अन्य माँग क्रमशः – गोरखपुर विश्वविद्यालय में किसी भी सरकारी/गैर सरकारी कार्यक्रम जैसे – चुनाव मतगणना, गोरखपुर महोत्सव, सरकारी योजनाओं के तहत चलने वाले कार्यक्रमों के लिए विश्वविद्यालय परिसर के बाहर व्यवस्था कराई जाए जिससे छात्र-छात्राओं को पठन-पाठन करने में हो रहे दिक्कतों का समाधान हो सके।

13 जून 2019 को हमारे नेतृत्व में छात्रों का जत्था राष्ट्रपति कार्यालय पर तत्काल निराकरण के लिए शेष लंबित बचे हुए 4 सूत्रीय मांगों के निराकरण के लिए ज्ञापन सौंपा था जिसके संदर्भ में महामहिम राष्ट्रपति जी ने उच्च शिक्षा सचिव भारत सरकार नई दिल्ली व विश्वविद्यालय अनुदान आयोग(UGC)एवं एक प्रति हमारे पास स्वयं भेजा गया एवं एक प्रति विश्वविद्यालय को दिसंबर माह में आया लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने हमारे और छात्रों के बीच में अभी तक लंबित उक्त मांग पत्र के संदर्भ में कोई भी सम्वाद बैठक करके नहीं किया।