कोरोना के चलते न केवल जन-जीवन बल्कि पढ़ाई में भी बड़ी बाधा आई है। कसी भी कॉलेज या यूनिवर्सिटी में परीक्षाएं नहीं हो पाई हैं अभी। इसे देखते हुए प्रदेश के सरकारी विश्वविद्यालयों मेंइस साल के लाखों छात्रों को बिना मुख्य और सेमेस्टर परीक्षा के ही पास किया जाएगा।
छात्रों को प्रमोट किए जाने का मानक तय करने के लिए शासन ने 3 कुलपतियों की एक कमेटी गठित की है। कमेटी द्वारा रिपोर्ट सौंपने के बाद इस पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।
इस संबंध में उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग के विशेष सचिव अब्दुल समद की ओर से आदेश जारी किया गया है जिसके अनुसार कमेटी में लखनऊ विवि के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय, छत्रपति शाहू जी महाराज विवि कानपुर के कुलपति प्रो. विनय पाठक और महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विवि बरेली के कुलपति प्रो. कृष्णपाल सिंह शामिल हैं। कमेटी एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपेगी।
कोरोना की पहली के साथ दूसरी लहर ने भी शैक्षिक सत्र 2020-2021 को बुरी तरह प्रभावित किया है। इसका प्रभाव शैक्षणिक कार्यों के साथ परीक्षाओं पर भी पड़ा है। ऑनलाइन क्लासेज के जरिए कुछ हद तक शैक्षणिक कार्य हुआ भी है।लेकिन परीक्षाएं नहीं हो सकी हैं।
गोरखपुर विश्वविद्यालय में ही अभी परीक्षाएं होनी बाकी हैं। कोरोना की पहली लहर कमजोर पड़ने के बाद कुछ विश्वविद्यालयों ने कुछ कक्षाओं की परीक्षाएं आयोजित कर ली थी लेकिन ज्यादातर बाकी रह गई हैं।
रिपोर्ट के अनुसार विश्वविद्यालयों के सामने सबसे बड़ी समस्या वार्षिक परीक्षाओं को लेकर है। इस प्रणाली में छात्रों के मूल्यांकन का कोई अन्य विकल्प नहीं है। सेमेस्टर प्रणाली में पूर्व में हो चुकी एक या दो सेमेस्टर की परीक्षाओं में परफॉर्मेंस के आधार पर छात्रों को प्रमोट किया जा सकता है। लेकिन वार्षिक परीक्षा प्रणाली में छात्रों का मूल्यांकन सिर्फ एक ही बार होता है।