सावधानी के साथ टीबी मरीज के पास रहने से नहीं फैलती है बीमारी-डॉ. रामेश्वर

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गोरखपुर। टीबी एक ऐसी बीमारी है जिसके प्रति भय और भ्रांति के कारण मरीज इसे छिपाते हैं। दरअसल, जैसे ही लोगों को यह पता चलता कि उनके पास टीबी मरीज है, वह मरीज के साथ भेदभाव शुरू कर देते हैं।

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उसका सामाजिक बहिष्कार होने लगता है जो इस बीमारी के उन्मूलन कार्यक्रम के सामने सबसे बड़ी बाधा है।

सच्चाई यह है कि अगर सावधानी के साथ टीबी मरीज के पास भी रहा जाए तो बीमारी का प्रसार नहीं होता है। यह कहना है जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. रामेश्वर मिश्रा का।

उन्होंने बताया कि टीबी मरीज को छूने, उसके साथ खाना खाने, उसके पास बैठने और बातचीत के दौरान सावधानी बरती जाए तो बीमारी का प्रसार नहीं होता है।

यह बीमारी खांसने-छींकने, बलगम थूकने और रोगी के इस्तेमाल में आने वाली चीजों के प्रति असावधानी से फैलती है। इस बीमारी का इलाज पूरी तरह संभव है।

डॉ. रामेश्वर मिश्रा ने बताया कि टीबी का उन्मूलन तभी संभव है जबकि मरीज खुल कर सामने आएं। वह बीमारी को छिपाएं नहीं बल्कि बताएं।