बेरोजगारी को लेकर युवाओं के डिजिटल विरोध के बाद सरकार की नींद खुलती नजर आरही है।
कई दिनों से केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ बेरोजगारों ने आंदोलन चला रखा है। अब इसके कुछ परिणाम नजर आने लगे हैं।
उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरियों की भर्ती को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा कदम उठाया है।
शुक्रवार को लोकभवन में अधिकारियों की बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी विभागों से रिक्त पदों का विवरण मांगा है।
इसके साथ ही अगले 3 महीनों में भर्ती प्रक्रिया शुरू करते हुए 6 महीने के अंदर नियुक्ति पत्र बांटने का निर्देश दिया है।
सीएम योगी ने सभी भर्ती आयोगों और बोर्ड की बैठक करने का निर्णय लिया है।
लोकभवन में बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि अब तक हुई 3 लाख भर्तियों की तरह ही पारदर्शी तरीके से अगले तीन महीने में भर्ती प्रक्रिया शुरू करें।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसी भी हाल में छह महीने के अंदर नियुक्ति पत्र बांट दिए जाएं।
सीएम योगी ने कहा, ‘जिस प्रकार यूपी लोकसेवा आयोग से पारदर्शी और निष्पक्ष भर्तियां हुई हैं। उसी प्रकार तेजी से भर्तियां की जाएं।’
हमारे युवा साथियों में प्रतिभा है, क्षमता है, मेधा है।
वर्तमान @UPGovt सभी को बिना भेदभाव के समान अवसर उपलब्ध करा रही है।
सभी विभागों में रिक्त पदों पर चयन की प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ होगी।
हमारा प्रयास है कि आगामी 6 माह में सभी विभागों में चयन प्रक्रिया को संपन्न करा लिया जाए।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 18, 2020
सभी विभागों में रिक्त पदों के सापेक्ष नियुक्ति प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने के लिए विभागों को रिक्तियों के आंकड़े कल तक उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
चयन प्रक्रिया में शुचिता और पारदर्शिता हमारी नीति है और इसे प्रत्येक दशा में सुनिश्चित किया जाएगा।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 18, 2020
अब तक हुई बड़ी सरकारी भर्तियों में एक लाख 37 हजार पुलिस की भर्ती हो चुकी है। 50 हजार टीचर की भर्ती हो चुकी है और एक लाख से अधिक अन्य विभागों में भर्ती हो चुकी है।
21 सितंबर को सीएम की बैठक
सूचना एवं जनसंपर्क निदेशक शिशिर ने जानकारी देते हुए बताया कि 21 सितंबर को मुख्यमंत्री योगी सभी आयोगों और भर्ती बोर्डों के प्रमुखों के साथ भी बैठक करेंगे।
नियुक्ति मिलने तक जारी रहेगा विरोध
वहीं दूसरी तरफ से युवाओं का कहना है कि सिर्फ रिक्त पदों की जानकारी मांगने से कुछ नहीं होगा।
जब तक बेरोजगारों को नियुक्ति पत्र मिल नहीं जाती है तब तक इस तरह के विरोध प्रदर्शन चलते रहेंगे। वरना हमेशा की तरह सरकार इन मामलों को फिर ठंडे बस्ते में डाल देती है।