गोरखपुर जिला प्रशासन के मुताबिक दिल्ली से आए कोरोना संक्रमित मरीज को पहले से ही संक्रमण की जानकारी थी। यही कारण है कि संक्रमित मरीज दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल से निकलकर गांव पहुंचा तो घर जाने के बजाए गांव के बाहर अपने बेटे की दुकान में रुक गया।
उसने किसी को पास भी आने नहीं दिया। कहता रहा, दूर रहो। वह दुकान में ही नहाया और घर वालों से खाना भी दुकान पर ही मंगा लिया। खाना खाने के बाद सांस लेने की दिक्कत बताई तो प्रधान ने 108 पर काल कर एंबुलेंस बुलाया और सीएससी भेजा।
सीएचसी से उसे जिला अस्पताल के लिए रेफर किया गया। जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया। उसके साथ दिल्ली से आए दो साथी भी अपने घर नहीं गए। वह दोनों गांव के बाहर प्राथमिक स्कूल में ही रुक गए थे।
वहीं जिला प्रशासन ने रविवार की रात में ही 17 लोगों को जिला प्रशासन ने नंदानगर स्थित टीबी अस्पताल में आइसोलेट कर दिया था। संक्रमित मरीज के साथ आए राममुनि और सोनू की सैंपलिंग कर ली गई है।