गोरखपुर। नए साल में पूर्वांचलवासियों को बड़ा सौगात मिलने जा रहा है। एम्स में जनवरी से मरीजों की भर्ती शुरू हो जाएगी।
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इसके लिए 300 बेड के हॉस्पिटल भवन को जनवरी के पहले पखवाड़े में कार्यदाई संस्था एम्स के सुपुर्द कर देगी।
एम्स में इस बार एमबीबीएस की परीक्षा समय से कराई गई। बालरोग की विभागाध्यक्ष डॉ. महिमा मित्तल ने बताया कि एमबीबीएस के प्रथम बैच की शुरुआत 50 बच्चों से की गई थी।
जबकि दूसरा बैच 125 बच्चों का होगा। अबतक 70 बच्चों की काउंसलिंग पूरी हो चुकी है। भविष्य में सुपरस्पेशलिस्ट विभाग की शुरुआत की जायेगी। इसके साथ ही बीएससी नर्सिंग, पीएचडी, एमएससी के कोर्स शुरू किए जाएंगे।
कोरोना संक्रमण का कोई खास असर एम्स की कार्यप्रणाली पर नहीं दिखा है। यह एम्स के बेहतर प्रशासन का नजीर है।
एम्स प्रशासन के अनुसार शीघ्र ही ट्रूनेट मशीन उपलब्ध हो जाएगी। इसके बाद संस्थान में ही कोरोना टेस्ट की सुविधा उपलब्ध होगी।
ओपीडी में सीटी-एमआरआई मशीन लगाई जा चुकी है। शीघ्र ही सेवा शुरू की जाएगी। यह सेवा बाजार से 75 फीसदी सस्ती होगी।
एम्स में अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों का लगातार निरीक्षण कार्य चल रहा है। शुक्रवार को पूर्व केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री एवं राज्यसभा सांसद शिव प्रताप शुक्ला ने एम्स का निरीक्षण किया।
उन्होंने ओपीडी मे मरीजों के इलाज के इंतजामों को देखा। इसके बाद वह प्रशासनिक भवन गए। जहां उन्होंने एम्स प्रशासन के साथ ही कार्यदाई संस्था हाईट्स व एलएनटी के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में वह एम्स प्रशासन के रिपोर्ट से संतुष्ट नजर आए।
वहीं बीते 21 महीने से सेवा प्रदाता के जरिए तैनात कर्मचारियों की गुणवत्ता को लेकर एम्स प्रशासन संजीदा हुआ है।
प्रशासन ने कर्मचारियों की परीक्षा कराने का फैसला किया है। पहले चक्र की परीक्षा जुलाई में हुई। एक बार फिर से दिसंबर में परीक्षा कराई गई है।
कर्मचारियों के कंप्यूटर स्किल व अंग्रेजी ज्ञान की परीक्षा ली जा रही है। एम्स प्रशासन ने साफ कर दिया है परीक्षा में खराब प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा।