जनप्रतिनिधियों को युवा नेता और समाजसेवी पवन सिंह से सीख लेनी चाहिए

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गोरखपुर। “नेता” एक ऐसा शब्द जिससे जनता को काफी उम्मीदें रहती हैं। चुनाव से पहले जिस तरह से गलियों में घूमकर नेताजी लोग जनता से वोट मांगते हैं और झूठे वादे करते हैं ऐसे जनप्रतिनिधियों को गोरखपुर सहित पूरे पूर्वांचल में अपने नेक कामों से जनता के बीच लोकप्रियता बनाने वाले युवा नेता पवन सिंह से सीख लेनी चाहिए।

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पवन सिंह यूं तो राजनीति करने पर विश्वास नहीं करते पर उनका मानना है कि जनता की सेवा अगर ज्यादा संख्या में करनी हो तो राजनीति ही एक विकल्प है इसीलिए चुनाव लड़ना जरूरी है। पवन सिंह जिस तरह से निःस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा करते हैं उससे जनता के बीच उनकी लोकप्रियता बहुत ज्यादा है।

उदाहरण के तौर पर यूं कह सकते हैं कि जरूरतमंदों के मसीहा हैं पवन सिंह। पवन सिंह का मानना है कि भगवान ने जो जिंदगी दी है उसे वो जनता की सेवा में अर्पित कर देंगे।

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आये दिन जिस तरह से पवन सिंह की लोकप्रियता उनके कर्मों से लोगों में बढ़ रही है उससे चुनाव जीतकर सदन में मलाई खा रहे नेताओं को सीख लेने की जरूरत है वो इसलिए क्योंकि वो लोग विधायक या सांसद होते हुए जनता की सेवा नहीं कर पाते या करना नहीं चाहते तो वहीं दूसरी तरफ पवन सिंह निरंतर निःस्वार्थ भाव से जनता की सेवा करते रहते हैं।

खैर 2022 में विधानसभा चुनाव है और जिस तरह से पूरे पूर्वांचल से पवन सिंह को प्यार मिल रहा है उससे ये तय है कि जनता उन्हें अपना नेता मान चुकी है अब बस इंतजार है चुनाव जीतने का।

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