दिल्ली स्थित हजरत निजामुद्दीन मरकज से पटना आए 17 विदेशी जमातियों के खिलाफ बिहार सरकार की ओर से पहली बार बड़ी कार्रवाई की गई है। किर्गिस्तान से टूरिस्ट वीजा पर पटना आकर धार्मिक प्रचार करते समय दीघा व फुलवारीशरीफ से पकड़े गये 17 जमातियों को पुलिस ने सोमवार को बेऊर जेल भेज दिया।
पुलिस के अनुसार जेल भेजे गये जमातियों का वीजा जून तक वैध था, लेकिन सभी टूरिस्ट वीजा पर भारत आए थे ऐसे में वह धार्मिक प्रचार नहीं कर सकते थे।
पटना पुलिस ने सोमवार को फुलवारीशरीफ के संगी मस्जिद में क्वारेंटाइन किए किर्गिस्तान के 7 और समनपुरा के एक अपार्टमेंट में क्वारेंटाइन किए इसी देश के 10 जमाएत से जुड़े लोगों काे गिरफ्तार कर लिया।
एसएसपी पटना ने बताया कि, 17 विदेशी नागरिकों के खिलाफ वीजा मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए एफआईआर दर्ज की गई और उन्हें जेल भेज दिया गया।
सभी के पास किर्गिस्तान के पासपोर्ट हैं और 23 मार्च को हिरासत में लिए गए थे, उनका कोरोना टेस्ट निगेटिव आया था।
वे पर्यटक वीजा पर आए थे लेकिन धार्मिक समारोहों में भाग ले रहे थे।कोर्ट से न्यायिक अभिरक्षा में सभी जमातियों को रात करीब नौ बजे बेऊर जेल ले जाया गया।
यहां गेट पर सभी जमातियों की हेल्थ स्क्र्रींनग की गई। जेल अधीक्षक जवाहर लाल प्रभाकर ने कुल 17 जमातियों के जेल आने की पुष्टि की और बताया कि इन सभी जमातियों को अलग वार्ड में रखा जाएगा।
जेल भेजे गये जमातियों का वीजा जून तक वैध था, लेकिन ये सभी टूरिस्ट वीजा पर यहां आए थे।
बता दें कि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को लेकर जब देश में कोरोना से बचने के लिए 22 मार्च को जनता कर्फ्यू घोषित किया गया था। तब पटना के दीघा थानाक्षेत्र स्थित कुर्जी इलाके के एक मस्जिद में जमात के द 10 लोग छिपे बैठे थे। ये सभी जमाती किर्गिस्तान से टूरिस्ट वीजा लेकर भारत आए थे।
जनता कर्फ्यू की घोषणा के बाद जब गली के अंदर बने मस्जिद में इनके छिपे होने की सूचना मिली तो स्थानीय लोगों ने विरोध करना शुरू किया और पुलिस को इसकी सूचना दी।