नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक कार्यक्रम में ‘प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना’ की शुरुआत की।
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इस योजना से करीब 100 लाख करोड़ की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के विकास को गति मिलेगी।
प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना का उद्देश्य औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के साथ-साथ एयरपोर्ट, नई सड़कों और रेलवे की योजनाओं सहित यातायात की व्यवस्था को दुरुस्त करना है। इसके जरिए युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
16 मंत्रालयों को डिजिटल मध्यम से कनेक्ट किया जाएगा
गति शक्ति योजना के लिए 16 मंत्रालयों का एक ग्रुप बनाया गया है, जो मुख्यतः आधारभूत संरचनाओं से संबंधित है।
इसमें रेलवे, सड़क परिवहन, आईटी, टेक्सटाइल, पेट्रोलियम, ऊर्जा, उड्डयन जैसे मंत्रालय शामिल हैं।
इन मंत्रालयों के जो प्रोजेक्ट चल रहे हैं या साल 2024-25 तक जिन योजनाओं को पूरा करना है, उन सबको गति शक्ति योजना के तहत डाल दिया जाएगा।
इन 6 स्तंभों पर आधारित है यह योजना
सभी विभाग को एक केंद्रीकृत पोर्टल के माध्यम से एक दूसरे की परियोजनाओं का पता चलेगा और मल्टी–मॉडल कनेक्टिविटी लोगों, वस्तुओं और सेवाओं के आदान–प्रदान के लिए एकीकृत और निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। यह परियोजना 6 स्तंभों पर आधारित है जो की व्यापकता, प्राथमिकता, अनुकूलन, समकालीन और विश्लेषणात्मक तथा गतिशील है।
समग्र बुनियादी ढांचे की नींव
गति शक्ति योजना भारत के लिए एक राष्ट्रीय अवसंरचना मास्टर प्लान होगा, जो समग्र बुनियादी ढांचे की नींव रखेगा।
अभी परिवहन के साधनों और अलग-अलग विभाग के इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के बीच कोई समन्वय नहीं है, गति शक्ति योजना इन सभी बाधाओं को दूर करेगी।
निगरानी और कार्यान्वयन के लिए विकसित प्लेटफार्म
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग और भू-सूचना विज्ञान संस्थान ने गति शक्ति योजना की निगरानी के लिए प्लेटफार्म विकसित किया है।
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग सभी परियोजनाओं की निगरानी और कार्यान्वयन के लिए नोडल मंत्रालय बनाया गया है।
इंफ्रा परियोजनाओं का जायजा लेने के लिए एक राष्ट्रीय योजना समूह नियमित रूप से बैठक करेगा। किसी भी नई जरूरत को पूरा करने के लिए मास्टर प्लान में किसी बदलाव को कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाली समिति मंजूरी देगी।