रोडवेज बस से चरस की तस्करी का कस्टम विभाग ने पर्दाफाश किया है। सोनौली से गोरखपुर की तरफ आ रही रोडवेज की बस को पीपीगंज में रोक कर जांच की गई तो पिछली सीट के नीचे पैकेट में भरकर रखी चरस बरामद हुई। सीट पर कोई नहीं बैठा था। चरस का वजन 9.30 किलोग्राम है। इसकी कीमत 30 लाख रुपये बताई जा रही है।
कस्टम उपायुक्त राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि मुखबिर ने रोडवेज बस से चरस की तस्करी की सूचना दी। कस्टम अधीक्षक राधिका त्रिपाठी टीम के साथ पीपीगंज पहुंच गईं। सुबह पांच बजे सोनौली से आ रही रोडवेज की बस संख्या यूपी 53 डीटी 4846 को रोककर जांच शुरू की गई। बस की पिछली सीट के नीचे काले रंग का बैग मिला। बैग खोलने पर 32 पैकेट मिले। पैकेट खोले गए तो पता चला कि इसमें चरस है। इससे पहले कस्टम विभाग ने कोरिया निर्मित सिगरेट भी बरामद की थी। एक सप्ताह में कस्टम अफसर तस्करी कर ले जाए जा रहे डेढ़ करोड़ रुपये के सामान बरामद कर चुके हैं।
काली मिर्च और छुहारा भी बरामद
कस्टम की टीम ने गुलरिहा और साहबगंज मंडी के बाहर दो पिकअप पर लदी तीन-तीन लाख रुपये मूल्य की काली मिर्च और छुहारा बरामद किया। पाकिस्तानी छुहारा नेपाल के रास्ते ले आया जा रहा था। कस्टम अधीक्षक राधिका त्रिपाठी को पिकअप चालकों ने बताया कि वह माल के स्वामी को देख कर पहचान लेंगे। ठूठीबारी व नेपाल बार्डर पर मिले इन लोगों ने माल गोरखपुर पहुंचाने बदले पांच-पांच हजार रुपये देने की बात कही थी। बताया कि तस्कर नेपाल बार्डर के आस पास किसी भी पिकअप या ट्रक चालक को रोक कर माल देते हैं। चालक से कहा जाता है कि गोरखपुर पहुंचने पर उनके आदमी माल लेकर किराया दे देंगे। ज्यादा किराया के लालच में चालक यह ऑफर स्वीकार कर लेते हैं।