कोरोना से लड़ने के लिए पैरामेडिकल और नर्सिंग के स्टूडेंट्स की छुट्टियां रद्द

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी और निजी क्षेत्र के पैरामेडिकल और नर्सिंग कॉलेज के छात्रों का अवकाश तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है। उत्तर प्रदेश शासन की ओर से जारी इस आदेश में यह भी कहा गया है कि अगले आदेश तक छुट्टी नहीं दी जाएगी।

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उत्तर प्रदेश शासन के विशेष सचिव आलोक कुमार पांडे ने यह आदेश बुधवार को जारी किया है। इसमें उन्होंने कहा है कि कालेजों में पढ़ने वाले एमएससी और बीएससी नर्सिंग व पैरामेडिकल पाठ्यक्रम के छात्र-छात्राओं की छुट्टी तुरंत अगले आदेश तक निरस्त कर दी जाए। यह सभी छात्र-छात्राएं कोरोना वायरस से बचाव एवं रोकथाम के लिए अहम भूमिका निभा सकते हैं।

निजी अस्पताल और नर्सिंग होम से मांगा ब्योरा सीएमओ ने राजधानी के निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम संचालकों से भी स्टाफ का ब्योरा बिंदुवार तथ्यों पर मांगा है।

सीएमओ का कहना है कि ब्योरा लेकर जरूरत के हिसाब से उन लोगों की भी सहायता कोरोना से बचाव, जागरूकता और संभव हुआ तो इलाज में ली जा सकती है।

दो लाख प्रशिक्षित बेरोजगार स्टाफ को काम देने की मांग राजकीय नर्सेज संघ उत्तर प्रदेश के महामंत्री अशोक कुमार ने सरकार से मांग की है कि पूरे प्रदेश में दो लाख प्रशिक्षित बेरोजगारों को काम में लाया जाए। यह नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ पढ़ाई व प्रशिक्षण के बाद पंजीकरण कराकर घरों में बैठा है।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग में नर्सेज के करीब आधे पद रिक्त पड़े हैं। उच्च पदों पर लगभग सभी पद रिक्त हैं। जैसे- सीएनओ, एनएस, डीएनएस, एएनएस, सिस्टर, स्टाफ नर्स हैं। वहीं, पंजीकृत नर्सेज एवं मिडवाइफ के लगभग दो लाख प्रशिक्षित लोग घरों में बैठे हैं। इनमें एमएससी, बीएससी नर्सिंग के 14 हजार, जीएनएम के 90 हजार, एएनएम के 70 हजार, पैरामेडिकल 29 हजार, टेक्नीशियन व फार्मासिस्ट हैं।