नींद खोलो साहब, देखो मकान जर्जर है कभी भी हो सकता है हादसा जा सकती है जान
गोरखपुर। गोरखपुर के पैडलेगंज चौराहे स्थित रामगढ़ताल रेलवे कॉलोनी की हालत कुछ यूं है कि वहां कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है और कई लोगों के साथ बड़ी दुर्घटना घट सकती है। कॉलोनी में मौजूद जितने भी घर हैं सभी की दीवारों में बड़ा दरार है। कॉलोनी रेलवे की है जीएम आवास से मात्र कुछ सौ मीटर दूरी पर है लेकिन दशकों से चली आ रही इन समस्याओं को सभी नीली बत्ती वालों ने नजरअंदाज किया है।
गौर करनी वाली बात यह है कि कॉलोनी में रहने में सभी रेलवे कर्मचारियों ने टाइम-टू-टाइम घर का किराया, बिजली का बिल और कॉलोनी मेंटेनेंस चार्ज आदि समय पर दिया लेकिन फिर भी उन्हें और उनके परिवारजनों को उसी जर्जर मकान, बजबजाती नालियों और टूटी फूटी सड़कों में जीवन काटना पड़ रहा है।
कॉलोनी में ही रहने वाले तेजतर्रार युवा समाजसेवी और पैडलेगंज वार्ड से पूर्व पार्षद प्रत्याशी अभिषेक सिंह के मुताबिक उन्होंने कॉलोनी की शिकायत रेलवे के चपरासी से लेकर सबसे उच्च अधिकारी जीएम (महाप्रबंधक) तक से किया। सभी ने आश्वासन जरूर दिया मगर कई साल बीत गए कॉलोनी की हालत जस की तस है।