पोषण पुनर्वास केंद्र: साहिल को मिली नयी जिंदगी, 163 बच्चों की सेहत में हुआ सुधार

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गोरखपुर। गोरखनाथ के दस नंबर बोरिंग की रहने वाली गुलप्सा के पति राजगीर हैं। उनके आठ महीने के बेटे साहिल की फरवरी माह में तबीयत खराब हो गयी। कई चिकित्सकों को दिखाने के बाद वह बच्चे को जिला अस्पताल लेकर गयीं जहां चिकित्सकों ने बीआरडी मेडिकल कालेज रेफर कर दिया।

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मेडिकल कालेज के चिकित्सकों ने बच्चे को परिसर में संचालित पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) रेफर कर दिया। बीते माह 24 फरवरी को जब बच्चा भर्ती हुआ तो उसका वजन चार किलो नौ सौ ग्राम था और गर्दन तक टेढ़ी हो जाती थी।

एनआरसी में देखभाल के बाद 16 मार्च को साहिल का वजन पांच किलो सात सौ ग्राम हो चुका है। अप्रैल 2020 से फरवरी 2021 तक साहिल जैसे 163 बच्चे एनआरसी से स्वस्थ होकर घर वापस लौट चुके हैं।

केंद्र पर फेस मॉस्क, फिजिकल डिस्टेंसिंग और साफ-सफाई के नियमों का कड़ाई से पालन करते हुए बच्चों को स्वस्थ जीवन की राह दिखाई जा रही है।

साहिल की मां गुलप्सा ने बताया कि उन्हें केंद्र में किसी प्रकार की परेशानी नहीं हुई। बच्चे के साथ उन्हें भी पौष्टिक भोजन निःशुल्क उपलब्ध करवाया गया। बच्चे को अंडा, फल, दाल जैसे पौष्टिक आहार के साथ निःशुल्क दवा दी गयी। चिकित्सक समय-समय पर आकर बच्चे का हालचाल लेते रहे।

वह व्यवस्था से पूरी तरह संतुष्ट हैं। उन्होंने बताया कि पिछले महीने बच्चे को उल्टी-दस्त की शिकायत थी जिसके कारण वह उसे अस्पताल लेकर गयी थीं।