विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि उसने Gilead Sciences के एंटीवायरल ड्रग रेमेडिसविर को अपनी ‘Prequalification List’ लिस्ट से सस्पेंड कर दिया है, जिसे कोविड-19 की दवा बताया जा रहा था।
बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की यह लिस्ट विकासशील देशों द्वारा खरीद के लिए बेंचमार्क के रूप में उपयोग की जाने वाली दवाओं की एक आधिकारिक सूची है।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को ई-मेल से भेजे गए जवाब में डब्ल्यूएचओ के प्रवक्ता तारिक जसारेविक ने कहा कि हां, हमने रेमेडिसविर को PQ (Prequalification List) से सस्पेंड कर दिया है।
यह निलंबन उन देशों के लिए एक संकेत है कि इलाज के दिशानिर्देंशों के अनुसार WHO देशों को कोरोना के इलाज के लिए रेमेडिसविर दवा खरीदने की सलाह नहीं देता है.
WHO ने दी थी चेतावनी
इससे पहले शुक्रवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी थी कि एंटीवायरल दवा रेमेडिसविर का इस्तेमाल कोविड रोगियों के इलाज के लिए नहीं किया जाना चाहिए, चाहें वे कितने भी बीमार क्यों न हों क्योंकि इसका कोई सबूत नहीं है कि यह वायरस से लड़ने में काम करता है। बीते दिनों कोरोना के मामले बढ़ने के बाद भारत में रेमेडिसविर की मांग तेजी से बढ़ गई थी।
भारत पहुंची 1.25 लाख रेमेडिसविर
देश में जारी कोरोना महामारी के कहर के बीच दुनियाभर के कई देशों से भारत को लगातार मदद मिल रही है। अमेरिका भी लगातार भारत की मदद कर रहा है। इसी कड़ी में बीते दिनों भारत को अमेरिका से 1.25 लाख रेमेडिसविर की शीशियां मिलीं थीं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया था कि अमेरिका से चौथी फ्लाइट रेमेडिसविर के 1.25 लाख शीशियों लेकर पहुंची है। उन्होंने कहा था कि भारत इस समर्थन का स्वागत करता है।
भारत की मदद कर रहा अमेरिका
इससे पहले भी 1000 से ज्यादा ऑक्सीजन सिलेंडर और कई मेडिकल सामान लेकर अमेरिका की एक और फ्लाइट भारत पहुंची थी। वहीं 3 फ्लाइट ऑक्सीजन सिलेंडर, रेगुलेटर और अन्य राहत सामग्री के साथ पहले भी भारत पहुंची थी।
अमेरिका महामारी से लड़ने में लगातार भारत की मदद कर रहा है. पिछले साल अमेरिका महामारी का केंद्र बन गया था और तब भारत ने मदद का हाथ बढ़ाया था।
टीकाकरण के बाद अमेरिका नए नियमों की घोषणा कर चुका है जिसके अनुसार वैक्सीन लगवा चुके लोगों के लिए अब मास्क पहनना अनिवार्य नहीं होगा।