गोरखपुर में पहले आयुष विश्वविद्यालय के लिए नई जमीन चिन्हित, जानिए अब कहां बनेगी नई यूनिवर्सिटी

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गोरखपुर में बनने वाले प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय के लिए जिला प्रशासन ने नई जमीन चिन्हित कर ली है।

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इस बार भटहट क्षेत्र के ग्राम पंचायत तरकुलहां एवं पिपरी में सीलिंग की करीब 52 एकड़ जमीन को प्रशासन ने शनिवार को कब्जे में लिया है।

इसी जमीन पर आयुष विश्वविद्यालय बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री को भी इस जमीन की जानकारी दे दी गई है।

गोरखपुर में प्रदेश का पहला आयुष विश्वविद्यालय स्थापित करने की घोषणा होने के बाद जिला प्रशासन की ओर से करीब एक वर्ष पूर्व चौरी चौरा तहसील क्षेत्र के मलमलिया में इसके लिए जमीन चिन्हित की गई थी।

इस जमीन को विश्वविद्यालय के नाम कर भी दिया गया था। शासन की ओर से बजट भी जारी हो चुका है।

विश्वविद्यालय को संचालित करने के लिए सीतापुर आंख अस्पताल परिसर में जिला प्रशासन की ओर से प्रशासनिक कार्यालय एवं कुलपति आवास के लिए जगह दी गई है।

शिलान्यास की ओर कदम बढ़ ही रहे थे कि मलमलिया की जमीन पर काश्तकारों की ओर से वाद दाखिल कर दिया गया। कोर्ट में जाने पर मामला लटक सकता था इसलिए जिला प्रशासन ने विकल्प के तौर पर सदर तहसील क्षेत्र में जमीन देने का निर्णय लिया।

इसके लिए जंगल डुमरी नंबर दो के बासस्थान में जमीन चिन्हित की गई। यहां आयुष विश्वविद्यालय के साथ ही वेटनरी कालेज के लिए भी जमीन देने का प्रस्ताव दिया गया।

दोनों संस्थानों के लिए 100 एकड़ से अधिक जमीन देने की तैयारी हो गई, पर वन विभाग की ओर से बताया गया कि जमीन का अधिकतर हिस्सा वन रिजर्व क्षेत्र है।

ऐसे में आयुष विवि के लिए एक बार फिर जमीन की तलाश शुरू हो गई, जो सीलिंग की 52 एकड़ जमीन पर आकर रुकी है।

सीलिंग की जिस जमीन को जिला प्रशासन ने कब्जे में लिया है। उसकी प्लाटिंग की जा रही थी। कई लोगों ने रजिस्ट्री करा भी ली है।

इसी को देखते हुए प्रशासन ने कोर्ट में कैविएट भी डाल रखा है, जिससे एक पक्षीय फैसले में किसी को स्टे न मिले।

भटहट क्षेत्र में सीलिंग की 52 एकड़ जमीन को मुक्त कराकर प्रशासन ने अपने कब्जे में लिया है। इस जमीन को आयुष विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए प्रस्तावित किया जाएगा। शासन को जल्द ही प्रस्ताव भेज दिया जाएगा। – के. विजयेंद्र पाण्डियन, जिलाधिकारी।